सीएम योगी ने महाराजगंज से किया वक्फ संशोधन विधेयक पर बड़ा ऐलान—अब नहीं होगी वक्फ के नाम पर जमीनों की लूट! राजस्व और सार्वजनिक भूमि पर बनेगा गरीबों का घर, बच्चों के लिए स्कूल और मरीजों के लिए अस्पताल। जानिए क्या है नया कानून और क्यों एनडीए में मचा है घमासान
शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) महाराजगंज जिले के रतनपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने 654 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। कार्यक्रम के बाद सीएम योगी ने जनसभा को संबोधित करते हुए वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) पर तीखा हमला बोला और जमीन कब्जे की पुरानी परंपराओं को समाप्त करने की बात कही।
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में जहां एक ओर सख्ती और पारदर्शिता की बात की जा रही है, वहीं दूसरी ओर एनडीए के भीतर ही इस विधेयक को लेकर असहमति की लहर भी तेज हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्पष्ट नीति है कि अब कोई भी व्यक्ति वक्फ के नाम पर अवैध लाभ नहीं उठा सकेगा और सार्वजनिक जमीनें समाज के लिए उपयोगी होंगी। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि वक्फ कानून लागू होने के बाद प्रदेश में इसके क्या प्रभाव देखने को मिलते हैं।
सार्वजनिक संपत्ति का होगा जनकल्याण के लिए उपयोग
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में स्पष्ट किया कि अब उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक संपत्ति (Public Property) का उपयोग समाज के उत्थान के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजस्व भूमि और सार्वजनिक जमीनों का इस्तेमाल अब स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और गरीबों के लिए आवासीय सुविधाएं विकसित करने के लिए किया जाएगा। उनका कहना था कि अब किसी को भी वक्फ बोर्ड (Waqf Board) के नाम पर जमीनों पर कब्जा करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
वर्षों से चल रही थी वक्फ के नाम पर जमीन की लूट: योगी
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि वर्षों से वक्फ बोर्ड के नाम पर जमीनों की खुली लूट चल रही थी। उन्होंने कहा, “अब तक वक्फ के नाम पर समाज का कोई भला नहीं हुआ, बल्कि केवल व्यक्तिगत लाभ उठाया गया। अब इस लूट पर पूरी तरह से रोक लगेगी।” योगी ने यह भी जोड़ा कि अब वक्फ बोर्ड की मनमानी नहीं चलेगी और राज्य सरकार इस दिशा में ठोस कार्रवाई करेगी।
वक्फ संशोधन विधेयक को संसद से मिली मंजूरी
गौरतलब है कि हाल ही में वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) लोकसभा और राज्यसभा दोनों से पारित हो चुका है। अब इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया है। राष्ट्रपति की सहमति के बाद यह विधेयक कानून का रूप ले लेगा। यह विधेयक वक्फ से जुड़ी संपत्तियों पर नियंत्रण और पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से लाया गया है।
एनडीए में विधेयक को लेकर मचा घमासान
विधेयक के पारित होने के साथ ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में मतभेद उभरने लगे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू (JDU) में बगावत के सुर सुनाई देने लगे हैं। कई वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। वहीं उत्तर प्रदेश में रालोद (RLD) को भी इस विधेयक के कारण झटका लगा है। पार्टी के प्रदेश महासचिव शाहजेब रिजवी और हापुड़ जिला प्रमुख महासचिव मोहम्मद जकी ने जयंत चौधरी का साथ छोड़ दिया है और रालोद से इस्तीफा दे दिया है। इन नेताओं ने पार्टी पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं।
योगी सरकार की विकास परियोजनाओं पर जोर
सीएम योगी ने महाराजगंज में जिन 654 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया, उनमें प्रमुख रूप से बुनियादी ढांचा, शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क निर्माण से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं। योगी सरकार का फोकस प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों को मुख्यधारा में लाने और ग्रामीण विकास को गति देने पर है।
सीएम योगी की स्पष्ट चेतावनी
अपने संबोधन में योगी आदित्यनाथ ने सख्त लहजे में कहा, “अब उत्तर प्रदेश में वक्फ जमीनों पर कोई अवैध कब्जा नहीं करेगा। अगर किसी ने कब्जा किया है तो उस पर कानूनी कार्रवाई होगी।” उन्होंने कहा कि कानून के तहत सभी को बराबर का हक मिलेगा, लेकिन कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं होगा।
गरीबों के लिए घर, युवाओं के लिए शिक्षा
मुख्यमंत्री का जोर था कि सार्वजनिक भूमि का उपयोग अब गरीबों के लिए आवास (Housing for Poor), युवाओं के लिए शिक्षा (Education for Youth) और नागरिकों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं (Healthcare Facilities) देने में होगा। इससे न केवल समाज का सर्वांगीण विकास होगा बल्कि वर्षों से चली आ रही अव्यवस्था भी खत्म होगी।