Weather Forecast : राजस्थान में मौसम का मिजाज अब एकदम बदला हुआ लग रहा है। अब प्रदेश के कई हिस्सों में शीतलहर (Rajasthan Cold Wave) जैसी स्थिती बन गई है, लेकिन अब इसी बीच मौसम विभाग ने राजस्थान के मौसम को लेकर पूर्वानुमान जारी किया है। मौसम विभाग का कहना है कि अभी आने वाले कुछ दिनों में राजस्थान में बारिश के आसार है। आइए खबर के माध्यम से जानते हैं कि राजस्थान का मौसम कैसा बना रहने वाल है।
राजस्थान में अब शीतलहरों का असर देखा जा रहा है, जिसके चलते ठंड भरी ठिठुरन बढ़ गई है। अब इसी बीच राजस्थान में बारिश को लेकर मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी किया है। मौसम विभाग का कहना है कि राजस्थान (Rajasthan weather forecast) में अब एक बार फिर बारिश का सिलसिला शुरू होने वाला है। इस दौरान ठंड ओर भी बढ़ सकती है। ऐसे में आइए खबर के माध्यम से जानते हैं कि राजस्थान में कब से बारिश का सिलसिला देखने को मिलेगा।
आगामी दो सप्ताह कैसा रहेगा मौसम
मौसम विभाग का कहना है कि आगामी दो सप्ताह में प्रदेश (Rajasthan cold wave) के ज्यादातर भागों में मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहने के आसार है। मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश के पहले सप्ताह यानी 14 से 20 नवम्बर के दौरान बारिश के कोई आसार नहीं है। वहीं, दूसरे सप्ताह 21 से 27 नवम्बर के बीच में दक्षिण-पूर्वी भागों में कहीं-कहीं हल्की वर्षा या बूंदाबांदी के आसार है।
राजस्थान का कैसा रहेगा तापमान
मौसम विभाग का कहना है कि राजस्थान (Rajasthan Ka Mausam) में अधिकतम तापमान सामान्य से 2 से 4 डिग्री सेल्सियस से नीचे रह सकता है और खासकर दक्षिण-पूर्वी भागों में तापमान कम रहने की संभावना है। वहीं, इस दौरान ज्यादातर हिस्सों पर अधिकतम तापमान सामान्य के पास ही बना रह सकता है।
वहीं, दूसरी ओर राज्य के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में न्यूनतम तापमान (Rajasthan Temprature) सामान्य से 2 से 3 डिग्री सेल्सियस नीचे रहने का पूवार्नुमान जारी किया है, जिसके चलते कुछ इलाकों में शीत लहर जैसी स्थिति महसूस हो सकती है।
किसानों का दी यह सलाह
मौसम एक्सपर्ट (IMD Winter Alert) का कहना है कि नवंबर के बीच से ही राजस्थान में सर्दी का असर धीरे-धीरे बढ़ सकता है और इस बार प्रदेश में उत्तर-पश्चिमी हवाओं के चलते रात के न्यूनतम तापमान (Rajasthan Temprature) में अधिक गिरावट देखने को मिल सकती है। मौसम विभाग ने किसानेां को यह सलाह दी है कि वे रात के तापमान पर गौर कर ही फसलों की सिंचाई और देखभाल करें।
