भारत एक कृषि प्रधान देश है।देश में आज भी बड़े स्तर पर खेती की जाती है।अच्छी उपज पाने के लिए कई किसान अपने खेतो में उर्वरको का प्रयोग किया जाता है।जो फसल को पोषण प्रदान करने के साथ साथ उत्पादन भी बढ़ता है।इन दिनों किसानो के बिच नेनो यूरिया काफी प्रचलित हो रहा है।कई किसान अभी भी इससे अनजान है।आपको बता दे की नेनो यूरिया जो एक तरह का तरल उर्वरक है।इसके इस्तेमाल से उर्वरक लगत में की व ज्यादा उपज मिलने के साथ प्रदूषण का प्रभाव भी कम पाया गया है।तो आइए जानते है इसके बारे में
क्या है नोनो यूरिया ??
नोनो युईया एक तरह का तरल उर्वरक है,जो किसानो के लिए स्मार्ट कृषि और जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने का एक स्थायी ऑप्शन है। ये उर्वरक के रूप में पोधो की नाइट्रोजन की आवश्यकता को पूरा करता है क्युकी नेनो यूरिया पोधो के लिए जीव उपलब्ध है और इसके वांछनीय कण का आकार लगभग 20-50 नेनो मीटर है।इससे इसका साथ क्षेत्र दानेदार यूरिया से 10,000 गुना ज्यादा हो जाता है।और कानो की संख्या भी बढ़ती है।
क्यों जरुरी है नोनो यूरिया ?
नेनो यूरिया नाइट्रोजन का स्त्रोत है,जो पोधो मेकरबिहाइड्रेड,प्रोटीन के निर्माण और पौधे की सरचना व वानस्पतिक वृद्धि के लिए उपयोगी है। एक स्बस्थ पौधे में नाइट्रोजन की मात्रा 1.5 से 4 फीसदी तक होती है। छिटकवा विधि में यूरिया पोधो की जड़ पर पड़ता है।जबकि इसमें सीधे पत्तियों पर छिड़काव होगा।फसल विकास की प्रमुख अस्स्थाओं में नेनो यूरिया का पत्तियों पर छिड़काव करने से नाइट्रोजन की जरूरत प्रभावी तरीके से पूरी होती है।
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इसके अवशोषण क्षमता 80 प्रतिशत से भी ज्यादा पाई गयी है जो की सामान्य यूरिया की तुलना में बहुत ज्यादा है।भारतीय कृषि अनुसधान संस्थान,राज्य कृषि विश्विधालयो के 20 से ज्यादा रिसर्च सेंट्रो और देश भर के किसानो के खेतो में 11,000 स्थानों पर 94 फसलोंपर ट्रायल किए गए।नेनो यूरिया के इस्तेमाल द्वारा फसल उत्पादन बढ़ाने के साथ यूरिया की आवश्यकता को 50% तक कम किया जा सकता है।
नेनो यूरिया के लाभ
यह प्रभावी रूप से फसल की नाइट्रोजन आवश्यकता को पूरा करता है। प्रति प्रकाशन संश्लेषण ,जड़ के विकास ,प्रभावी कल्ले और शाखाओ को बढ़ाता है। यह पोधो के अंदर नाइट्रोजन और अन्य पोषक तत्व के अवशोषण को बढ़ाता है।फसल उत्पादकता में वृद्धि और लागत में कमी करके किसानो की आय में वृद्धि करता है।