पेट्रोल की बढ़ती हुई कीमतों की कारण सीएनजी की मांग बढ़ती ही जा रही है यही कारण है कि आज कंपनियां पेट्रोल गाड़ियों की तुलना में सीएजी गाड़ियों की लांचिंग कर रही है हालाँकि इन दिनों मार्केट में सीनएजी के साथ मार्केट में iCNG गाड़ियां की भी लांचिंग होने लग गयी है ऐसे में दोनों में किसे खरीदना ज्यादा सही है आइए जान लेते है।
CNG और iCNG कारों के बीच अंतर सिर्फ इतना है कि सीएनजी कार का इंजन पेट्रोल और सीएनजी दोनों पर चलता है, जबकि iCNG कारों में इंजन के साथ एक इलेक्ट्रिक मोटर भी लगा होता है जिससे कार को एक्ट्रा पाॅवर मिलती है. इससे कार की पाॅवर और माइलेज दोनों में बढ़ोतरी हो जाती है।
iCNG में मिलता है ज्यादा माइलेज
iCNG कारों की खास बात यह है, इनमें साधारण सीएनजी कारों के मुकाबले 12-15 फीसदी तक ज्यादा माइलेज मिलता है। उदाहरण के तौर पर, यदि सीएनजी कार एक किलो सीएनजी में 20 किलोमीटर का माइलेज देती है, तो वहीं iCNG कार में 22-23 किलोमीटर का माइलेज मिल जाता है।
प्रदूषण होता है कम
इलेक्ट्रिक मोटर और अधिक माइलेज होने के वजह से iCNG कारें साधारण सीएनजी कारों की तुलना में पाॅल्यूशन भी कम करती हैं. लेकिन कीमत के मामले में iCNG कारें महंगी होती हैं. कुल मिलाकर देखें तो iCNG कार को चलाने का खर्च नाॅर्मल CNG कार के मुकाबले कम है. इनसे पर्यावरण को नुकसान भी कम पहुंचता है और ये कार चलाने में भी अधिक पाॅवफुल महसूस होती है.
आपको बता दे, इलेक्ट्रिक मोटर और अधिक माइलेज होने की वजह से iCNG कारें साधारण सीएनजी कारों में पाॅल्यूशन भी कम करती हैं। लेकिन कीमत के मामले में iCNG कारें महंगी होती हैं। iCNG कार को चलाने का खर्च नाॅर्मल CNG कार के मुकाबले कम है। इनसे पर्यावरण प्रदूषण कम होता है और ये कार चलाने में भी अधिक पाॅवफुल महसूस होती है।