Wheat MSP Hike : बीते कुछ दिनों से गेहूं के दामों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। अब हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से किसानों बड़ी राहत देते हुए गेहूं के MSP रेट (MSP Hike For Rabi crops) में बढ़ौतरी की गई है। MSP रेट में बढै़ौतरी से किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। ऐसे में आइए खबर के माध्यम से जानते हैं कि अब MSP रेट बढ़ने से गेहूं के रेट कितने हो गए हैं।
अब हाल ही में सरकार की ओर से गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) में बढ़ौतरी की गई है। सिर्फ गेहूं में ही नहीं बल्कि इसके साथ ही चुनींदा फसलों के एमएसपी रेट में भी बढ़ौतरी की गई है। MSP रेट बढ़ने से किसानों के भी चेहरे पर मुस्कान आ गई हैं। आइएर खबर के माध्यम से जानते हैं कि गेहूं के ताजा मंडी भाव के बारे में।
एमएसपी में बढ़ौतरी को दिखाई हरी झंडी
दरअसल, आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi)की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिती की ओर से मोर्कटिंग सीजन 2026-27 के लिए एमएसपी में बढ़ौतरी को हरी झंडी दिखा दी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि गेहूं का (gehu ka bhav) एमएसपी 2585 रुपये प्रति कि्वंटल निर्धारित किया गया है।
इसके साथ ही जौ का एमएसपी 2150 रुपये प्रति कि्वंटल किया गया है और चना 5875 रुपये प्रति कि्वंटल पर बेचा जा रहा है। वहीं, मसूर 7000 रुपये प्रति कि्वंटल, सरसों /रेपसीड 6200 रुपये प्रति कि्वंटल पर बेची जा रही है और सैफफ्लावर का एमएसपी 6540 रुपये प्रति कि्वंटल हो गया है।
गेहूं समेत अन्य फसलों में एमएसपी दरें
अगर साल रबी फसल (Winter crops) वर्ष 2025-26 से कंपेरिजन करें तो गेहूं के एमएसपी में 160 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ौतरी हुई है। ठीक इसी तरह जौ में 170 रुपये कि्वंटल का इजाफा कर दिया गया है। वहीं, चने में 225 रुपये, मसूर में 300 रुपये, सरसों में 250 रुपये और सैफफ्लावर के एमएसपी (MSP of Safflower) में 600 रुपये कि्वंटल की बढ़ौतरी कर दी गई है। इसके साथ ही तिलहन में सबसे ज्यादा एमएसपी सैफफ्लावर की बढ़ौतरी की गई है, जबकि दलहन में मसूर का एमएसपी सबसे ज्यादा रहा है।
किसान को लागत से कितना ज्यादा मिलेगा भाव
उनका कहना है कि साल 2026-27 में गेहूं की लागत 1239 रुपये तय की गई है और नये एमएसपी 2585 के हिसाब से किसान को लागत का 109 प्रतिशत ज्यादा भाव मिलेगा। ठीक इसी तरह जौ की लागत (cost of barley) साल 2026-27 में 1361 रुपये तय की गई है और उसकी नयी एमएसपी 2150 के मुताबिक किसान को लागत से 58 प्रतिशत ज्यादा का भाव मिलेगा।
जानिए किन फसलों पर कितना होगा फायदा
इसी तरह चने की लागत (cost of gram) 3699 रुपये है, उसकी तुलना में किसान को 5875 रुपये का फायदा होगा। वहीं नयी एमएसपी के मुताबिक 59 प्रतिशत ज्यादा, मसूर की लागत 3705 रुपये की तुलना में नयी एमएसपी 7000 रुपये के अनुसार 89 प्रतिशत से ज्यादा का लाभ होगा और सरसों की लागत 3210 रुपये के हिसाब से नयी एमएसपी 6200 में 93 का फायदा होगा और सैफफ्लावर की लागत (Safflower Cost) 4360 है जबकि, इस फसल से किसान को नयी एमएसपी 6540 के मुताबिक 50 प्रतिशत तक फायदा होगा।
रबी फसलों के लिए एमएसपी में बढ़ौतरी
यहां पर लागतों का मतलब है भुगतान की गयी लागतों से हैं। इन लागतों में कई चीजों शामिल है। जैसे मजूदरी, बैल श्रम/मशीन श्रम, पट्टे पर ली गई भूमि का किराया (rent of leased land), बीज, उर्वरक, कार्यशील पूंजी पर ब्याज, खाद जैसी चीजों पर लागत, सिंचाई शुल्क, उपकरणों और कृषि भवनों पर मूल्यह्रास, पंप सेट आदि के संचालन के लिए डीजल/बिजली, विविध व्यय और पारिवारिक श्रम का अनुमानित मूल्य आदि शामिल है।
मार्केटिंग सेशन 2026-27 (Marketing Session 2026-27) के लिये अनिवार्य रबी फसलों के लिए एमएसपी (MSP for Rabi crops) में बढ़ौतरी, औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर एमएसपी तय करने की केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुसार ही तय की गई है।
