Wheat MSP Rates in Haryana: पहली अप्रैल से, गेहूं की सरकारी खरीदारी ने नया आयाम ले लिया है। इस वर्ष सरकार ने किसानों को एक बड़ी राहत प्रदान करते हुए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 150 रुपये बढ़ाकर 2425 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। इस कदम से किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सकेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
मंडियों में बढ़ी हुई सुविधाएं और किसानों का रुझान
खुले बाजार में गेहूं के दामों में आई गिरावट के कारण किसान अब अपने गेहूं को सरकारी मंडियों में लाने को प्राथमिकता दे रहे हैं। सरकार ने भी मंडियों में किसानों की सुविधा के लिए विभिन्न उपाय किए हैं। गुरुग्राम जिले में पटौदी, फरुखनगर, सोहना, गुरुग्राम और खोड़ में पांच मुख्य मंडियां स्थापित की गई हैं, जहां किसान अपने गेहूं की बिक्री कर सकते हैं।
गुरुग्राम अनाज मंडी में विशेष परिस्थितियाँ
गुरुग्राम की अनाज मंडी में गेहूं की बिक्री न के बराबर है क्योंकि यहां मुख्यतः सब्जियों की बिक्री होती है। खोड़ मंडी, जो पटौदी जाटोली मंडी के रूप में भी जानी जाती है, में गेहूं की खरीद होती है। जिले में गेहूं की पैदावार का अनुमान 18 से 19 लाख क्विंटल के बीच है।
पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष की गेहूं आवक
पिछले साल मंडियों में गेहूं की आवक 4.70 लाख क्विंटल थी। इस वर्ष गेहूं की उम्मीद से अधिक पैदावार होने के कारण, मंडियों में गेहूं की भारी मात्रा में आवक होने की संभावना है। यह संख्या पिछले साल की तुलना में अधिक होने की उम्मीद है, जिससे मंडी में व्यापारिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी।
सरकार द्वारा किसानों को प्रोत्साहन
सरकार द्वारा गेहूं के समर्थन मूल्य में वृद्धि और मंडियों में सुविधाओं के विस्तार से किसानों को अपनी फसलों का बेहतर मूल्य प्राप्त होने की आशा है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और वे अपनी फसलों की बिक्री सरकारी योजनाओं के अंतर्गत अधिक से अधिक कर सकेंगे।