Wheat Price Today : गेहूं का कीमत रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बता दे की लगातार गेहूं के भाव सातवें आसमान को छुता जा रहा है। गेहूं के दाम में बढ़ोतरी (Wheat Price Hike) होने के कारण गेहूं से बनने वाले सभी अन्य खाद्य पदार्थ भी महंगे हो गए हैं। यही वजह है कि लोग की जेब पर भी असर पड़ रहा है। गेहूं के भाव को नियंत्रित करने के लिए सरकार की तरफ से कदम उठाए जा रहा है। सरकार और संबंधित विभाग इसे नियंत्रित करने के लिए कुछ कदम उठा रहे हैं। लेकिन स्थिति में सुधार अभी तक दिखाई नहीं दे रहा है। सरकार की तरफ से गेहूं के रेट को नियंत्रित करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है आईए जानते हैं पूरी खबर।
Wheat Price Today : गेहूं का क्या है ताजा भाव?
सरकार की तरफ से गेहूं के दाम MSP से कम करने का प्रयास लगातार किया जा रहा है, जिसमें सरकार की तरफ से ओपन मार्केट सेल स्कीम योजना के तहत अधिक से अधिक गेहूं को आवंटित किया भी जा रहा है। सरकार की तरफ से यह काम करने पर गेहूं की कीमत में थोड़ी सी गिरावट आई है। लेकिन फिर भी गेहूं के दाम एमएसपी से अधिक बना हुआ है।
इस महीने की शुरुआत में गेहूं की कीमत लगभग 3000 ₹15 प्रति क्विंटल पर थी, गेहूं के दाम अभी घटकर लगभग 2895 रुपए पर आ चुकी है। सरकारी आंकड़े के अनुसार, 1 महीने पहले की बात किया जाए तो गेहूं की कीमत 2975 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया था। इसके अलावा 1 साल पहले गेहूं की कीमत 2756 रुपए प्रति क्विंटल थी। जो दोनों सालों में भाव में महंगाई को दर्शाता है। इससे स्पष्ट होता है कि बाजार में गेहूं के दाम MSP से काफी ज्यादा ऊपर चल रहे हैं।
देश के प्रमुख मंडियों में गेहूं के भाव।
देश भर में राज्य के अनुसार गेहूं के दाम भी अलग-अलग हैं। बता दे की ₹3000 प्रति क्विंटल के करीब गेहूं के भाव अलग-अलग राज्यों में चल रहे हैं। उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्य के मंडियों में गेहूं के दामों में हल्की गिरावट देखी गई है। उत्तर प्रदेश में गेहूं की कीमत लगभग 2740 रुपए प्रति क्विंटल है। यहां भाव इसलिए कम है क्यूंकि गेहूं का यह प्रमुख उत्पादक राज्य भी है। यहां भी MSP से रेट ऊपर चल रही है जो की चिंताजनक है।
यहां गेहूं की कीमत 10 फरवरी को थोड़ा कम होकर 2730 रुपए प्रति क्विंटल देखी गई थी। मध्य प्रदेश में भी इस समय गेहूं के दाम MSP से ऊपर चल रहा है जो की 2845 प्रति क्विंटल है। राजस्थान में इस समय गेहूं के भाव 2765 रुपए प्रति क्विंटल पर बना हुआ है। इस राज्य में मंडी में गेहूं की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य से ज्यादा बना हुआ है। सरकार भी कोशिश कर रही है कि भाव कम हो लेकिन विफल नजर आ रही है।
सरकार ने लिया गेहूं बिक्री लिमिट बढ़ाने का फैसला
केंद्र सरकार की तरफ से हैवी हाल ही में भारतीय खाद्य निगम को मिलार्स, प्रोसेसिंग यूनिट्स और व्यापारियों के लिए साप्ताहिक ऑनलाइन नीलामी में प्रस्तावित मात्रा को चार लाख टन करने की मंजूरी दे दिए हैं, जो कि पहले 1.5 लाख टन था। अब एफसीआई (FCI) के माध्यम से गेहूं के अधिक बिक्री करने की लिमिट को बढ़ा दिया गया है, ऐसा इसलिए क्योंकि गेहूं के भाव पर लगाम लग सके। इस माध्यम से दिसंबर 2024 से शुरु हुई नीलामी में अब तक 13 लाख टन गेहूं बेचा जा चुका है, जबकि इसके अलावा 25 लाख टन का लक्ष्य रखा गया था। सरकार की तरफ से नई सीजन के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य बढ़ाने की योजना भी बनाया गया है ताकि आने वाले सीजन और वर्ष में इस तरह के हालात न उत्पन्न हो सके।