Wheat price news : भादो के इस महीने में बरसात का दौर चालू है और इस बरसाती सीजन में गेहूं के दामों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। आज 21 अगस्त को भी गेहूं के दामों पर बड़ी खबर सामने आई है। गेहुं के दामों पर आई इस खबर ने मंडियो में 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। आइए खबर में जानते हैं कि इस समय में मंडियो में गेहूं के दाम (Wheat Price News) क्या चल रहे हैं और गेहूं के दाम पर क्या बड़ी खबर सामने आई है।
वैसे तो देशभर की मंडियो में गेहूं के दामों के साथ ही अन्य फसलों के दामों में भी बदलाव देखने को मिल रहा था और बात करें गेहूं की तो बीते कई दिनों से गेहूं के दामों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा था और आज गेहूं के दामों (mandi bhav 19 august 2025) पर एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसके तहत 10 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। आइए जानते हैं कि गेहूं के दाम क्या चल रहे हैं।
न्यूनतम स्तर पर आई गेहूं की कीमतें
दरअसल, आपको बता दें कि अमेरिकी-ग्लोबल गेहूं मार्केट (US-Global Wheat Market)में सप्लाई टाइट, स्टॉक 10 साल के सबसे न्यूनतम स्तर पर आ गई है, जिसके चलते गेहूं की कीमतों को लंबा सपोर्ट मिल सकता है।
अनुमान के मुताबिक 2025 से 26 में गेहूं की सप्लाई अमेरिका और दुनिया भर में सबसे कम होने के आसार है। एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे में ग्लोबल स्टॉक 2015/16 के बाद सबसे निचले स्तर पर आ सकते है।
हालांकि घरेलू खपत घट रही है और कॉर्न की कीमत नरम रहने के चलते गेहूं के दाम (Wheat Price News)में थोड़ी गिरावट दिख रही है, लेकिन फिर भी सीमित स्टॉक और मजबूत एक्सपोर्ट डिमांड आने वाले महीनों में कीमतों को सपोर्ट दे सकती है।
अमेरिका में क्यों आई एक्सपोर्ट में तेजी
अगर अमेरिका की बात करें तो अमेरिका में बेहद कम उत्पादन (Gehu Ke Bhav) हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2025 से 26 में गेहूं का उत्पादन 2 मिलियन बुशेल से घट गया है और घटकर 1,927 मिलियन बुशेल रह सकता है और इससे कटाई वाला क्षेत्र छोटा हुआ है, लेकिन फिर भी पैदावार बढ़कर 52.7 बुशेल प्रति एकड़ हो गई है। इस दौरान घरेलू खपत भी बेहद कम हुई है। रिपोर्ट के अनुसार फूड यूज में 5 मिलियन (Gehu Ka Production) बुशेल की गिरावट आई है। लेकिन इस दौरान एक्सपोर्ट बढ़े है।
क्यों आ रही बुशेल की कमी
इसकी शुरुआती मजबूत डिमांड के चलते 25 मिलियन बुशेल बढ़कर 875 मिलियन बुशेल का का अंदाजा लगाया जा रहा है और इस दौरान हार्ड रेड विंटर गेहूं (Hard Red Winter wheat) की तेज मांग रह सकती है। 21 मिलियन बुशेल की कमी के चलते अब अनुमान 869 मिलियन बुशेल पर आ गया है। इस दौरान सीजन की औसत कीमत $5.30 प्रति बुशेल रही है, जो पहले से $0.10 कम है, इसका कारण कॉर्न प्राइस में गिरावट है।
अब पूरी दुनिया की बात करते हैं
दुनिया की बात करें तो इस समय में ग्लोबल सप्लाई (Wheat Global Supply) बेहद कम हो रही है। इसकी सप्लाई कुल 2.5 मिलियन टन घटकर 1,069.6 मिलियन टन ही रह गई है। इस दौरान चीन, ब्राज़ील और अर्जेंटीना में उत्पादन घटा है, लेकिन फिर भी EU में 1 मिलियन टन बढ़ी है। हालांकि, चीन, इंडोनेशिया और फिलीपींस में डिमांड कम, जिससे ग्लोबल कंजम्पशन (Global Consumption)घटकर 809.5 मिलियन टन पर आ गई हैं।
लॉन्ग टर्म में कीमतों पर इजाफा
इसके साथ ही अमेरिकी एक्सपोर्ट बढ़ने से विश्व व्यापार मेंम हल्की बढ़ती हुई है। इन सबके बीचस्टॉक 10 साल के न्यूनतम स्तर पर बनी हुई है। बता दें कि ग्लोबल एंडिंग स्टॉक (Global Ending Stock) 260.1 मिलियन टन, 2015/16 के बाद सबसे कम रहा है।
इससे यही पता चलता है कि कम सप्लाई और बढ़ते अमेरिकी एक्सपोर्ट मार्केट को मजबूत बना सकते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि ग्लोबल स्टॉक 10 साल के न्यूनतम स्तर पर होने से लॉन्ग टर्म में कीमतों पर इजाफा हो सकता है। हालांकि, अमेरिकी घरेलू खपत (US domestic consumption) में कमी और कॉर्न प्राइस में गिरावट के चलते कीमतों को दबाव में रखे हुए हैं।
