Wheat Flour Price : गेहूं के बढ़ते रेट पर अचानक ब्रेक लग गए हैं। उधर आटे के रेट सातवें आसमान पर चले गए हैं। इससे एक ओर जहां गेहूं बिक्री से किसानों का मुनाफा घट गया है, वहीं आम लोगों को गेहूं के आटे (wheat flour rate hike) के अधिक दाम चुकाने पड़ रहे हैं। आइये जानते हैं दोनों के भाव में कितना अंतर आया है।
गेहूं और आटे के दाम अब एक दूसरे के विपरीत दिशा में चल रहे हैं। गेहूं के रेट (wheat rate today) धड़ाम से गिरे हैं तो आटे के भाव में अचानक उछाल आया है।
हालांकि कुछ दिन पहले तक गेहूं के भाव (wheat price 11 july) में भी तेजी देखी जा रही थी, लेकिन अब गेहूं के रेट गिरे हैं पर आटे के रेट (wheat flour price) गिरने के बजाय कुछ बढ़े ही हैं। इस उठापटक के बीच आम लोगों का रसोई बजट काफी प्रभावित हुआ है।
इस कारण आया भाव में अंतर-
गेहूं के दाम जैसे ही एमएसपी 2425 (wheat MSP) से रुपये से कुछ अधिक हुए तो सरकार ने गेहूं के भाव को नियंत्रित करने के लिए OMSS के लिए गेहूं का रिजर्व प्राइस (wheat everage price) जारी कर दिया। इस कारण गेहूं के भाव पर तो कुछ हद तक लगाम लगी, लेकिन गेहूं के आटे के भाव को नियंत्रित नहीं किया जा सका।
अब गेहूं तो इसके एमएसपी के करीब ही है, लेकिन आटे के रेट (wheat flour rate today) 40 से बढ़कर 50 रुपये प्रति किलो तक जा पहुचे हैं।
किसानों और उपभोक्ताओं की समस्या बढ़ी-
गेहूं के दाम (gehu ke daam) गिरने से किसानों को नुकसान हुआ है। इससे उनमें मायूसी देखी जा रही है। दूसरी ओर आटे के दाम (aate ke daam) बढ़ने से उपभोक्ताओं को महंगे रेट पर आटा खरीदना पड़ रहा है। गेहूं व आटे की इस विपरीत चाल के कारण किसानों व उपभोक्ताओं की समस्या बढ़ गई है।
अभी और गिरेंगे गेहूं के दाम-
एक्सपर्ट्स के अनुसार अभी गेहूं के दाम (wheat rate altest) और गिरेंगे। इसका कारण है कि इस बार सरकार के पास गेहूं का पर्याप्त स्टॉक है। जैसे ही गेहूं की किल्लत होती है तो सरकार से बाजार में सस्ते रेट में गेहूं उपलब्ध करा सकती है। इस कारण गेहूं के दाम (gehu ka rate) बढ़ने के बजाय गिरने के ही चांस हैं।
एमएसपी से नीचे भी है कई जगह गेहूं का भाव-
देशभर की विभिन्न मंडियों (mandi bhav today) में गेहूं के दाम एमएसपी से नीचे भी चल रहे हैं। हालांकि यह गेहूं का न्यूनतम रेट है। इसमें भी खराब गुणवत्ता वाला गेहूं एमएसपी से नीचे के भाव पर खरीदा जा रहा है। हालांकि गेहूं का अधिकतम भाव (wheat maximum price) अब भी कई जगह एमएसपी 2425 रुपये से ऊपर ही है। अब तो आटे के भाव पर लगाम कसने की जरूरत है। उपभोक्ता इसका इंतजार भी कर रहे हैं।