Wheat Price Today : गेहूं के भाव इन दिनों तेजी से ट्रेंड कर रहे हैं। आवक अधिक होने से मंडियों (mandi bhav today) में गेहूं की ढेरियां लगी हैं। हाईलेवल पर पहुंचे गेहूं के दामों से किसानों को डबल मुनाफा मिल रहा है। इस कारण अधिक से अधिक गेहूं लेकर मंडियों की ओर पहुंच रहे हैं। आइये खबर में जानते हैं अब कितने हो गए हैं 1 क्विंटल गेहूं के दाम।
गेहूं के रेट में आई ताबड़तोड़ बढ़ौतरी से मंडियों में हलचल बढ़ गई है। पिछले कुछ दिनों से गेहूं के भाव में उतार चढ़ाव जारी था, जून में तो गेहूं के भाव (wheat rate 4 july) में स्थिरता भी देखी गई, पर अब अचानक गेहूं का रेट हाईलेवल पर पहुंच गया है।
इससे व्यापारियों में भी खलबली सी मच गई है। गेहूं के दाम (wheat rate latest) एकदम से आए इस उछाल के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। किसानों को पहले से अधिक मुनाफा कमाने का मौका भी अब खूब मिल रहा है।
कई दिनों तक जारी रहेगी तेजी-
अधिकतर किसान जुलाई माह में गेहूं की बढ़ौतरी (wheat price hike) की आस लगाए हुए थे। इस कारण उन्होंने अपनी गेहूं भी स्टॉक कर ली थी। परिणाम ठीक वैसे ही निकले, जैसा किसानों ने सोचा था, जुलाई के पहले सप्ताह में ही गेहूं के रेट (gehu ka rate) सातवें आसमान पर जा पहुंचे हैं। अब इनमें कई दिनों तक तेजी रहने की संभावना है।
एमएसपी से इतना ऊपर पहुंचा रेट-
इस बार गेहूं का एमएसपी 2425 रुपये (wheat MSP) प्रति क्विंटल है। अधिकतर राज्यों में अब गेहूं 2600 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई है। यानी इसमें 175 रुपये तक का उछाल प्रति क्विंटल के हिसाब से आया है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में गेहूं के दाम (rajasthan wheat price) इसी औसत भाव पर चल रहे हैं।
इस कारण बढ़े गेहूं के रेट-
गेहूं के भाव (gehu ka aaj ka bhav) में अचानक उछाल आने के कई कारण बताए जा रहे हैं। बरसाती मौसम में गेहूं के आटे की मांग बढ़ने से गेहूं की मांग भी बढ़ी है। बाजार में गेहूं की आपूर्ति का दबाव बनते ही गेहूं के रेट तेजी से उछले हैं। आने वाले समय में आटे का रेट (flour price today) भी बढ़ सकता है।
निजी व्यापारियों से मिल रहे अधिक दाम-
पिछले 10 दिनों में गेहूं का रेट (gehu ka rate) बुलेट ट्रेन की रफ्तार से बढ़ा है। जून का आखिरी सप्ताह और जुलाई का पहला सप्ताह किसानों के लिए सौगात साबित हुआ है। कई राज्यों में तो गेहूं का रेट (wheat rate today) एमएसपी से डेढ़ गुना तक हो चुका है। अब रेट बढ़ने के बाद फिर से किसान बाजारों व मंडियों में गेहूं लाने लगे हैं। हालांकि निजी व्यापारियों की ओर से किसानों के गेहूं के दाम (gehu ka taja bhav) अधिक मिल रहे हैं।