Wheat Rate Fall : तेजी से बढ़ रहे गेहूं के दामों (wheat price today) पर अचानक ब्रेक लग गए हैं। हाई रेट पर गेहूं बिक्री का सपना देख रहे गेहूं उत्पादक किसानों के लिए जून माह का आखिरी दिन मायूसी भरा रहा है। अब गेहूं की खरीद जिस रेट पर की जा रही है, उससे किसानों को अपनी फसल की लागत भी नहीं मिल पा रही है। आइये जानते हैं क्या हो गए हैं गेहूं के लेटेस्ट रेट।
गेहूं के रेट अब तक तेजी से ट्रेड कर रहे थे। इनमें अचानक आई गिरावट ने किसानों को भी हैरान कर दिया है। गेहूं के भाव (wheat rate today) पर ब्रेक लगने से किसानों का मुनाफा घट गया है। अब वे बेहद कम रेट पर गेहूं बेचने को मजबूर हो रहे हैं। इससे पहले किसानों को अच्छे दामों पर गेहूं बेचने का मौका मिल रहा था। एकदम से गेहूं का भाव ( Wheat Rate Update) गिरने के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। कई मंडियों में रातों रात गेहूं के दाम गिर गए हैं।
एमएसपी से भी नीचे आया रेट-
गेहूं का भाव (gehu ka bhav) इस सीजन की शुरुआत में तो ठीक था, लेकिन अब इसके रेट गिर गए हैं। यह कई जगह तो एमएसपी से भी नीचे आ गया है। हालांकि कुछ जगह एमएसपी (wheat MSP) के करीब भी बना हुआ है। खराब गुणवत्ता वाला गेहूं तो 2 हजार रुपये प्रति क्विंटल के रेट पर बिक रहा है। वहीं अच्छी गुणवत्ता का गेहूं 2420 रुपये क्विंटल व इससे ऊपर है।
किसानों का मुनाफा हुआ कम-
गेहूं के भाव (wheat rate 30 june) में आज फिर अचानक बदलाव देखने को मिला है। ये अचानक गिर गया है, जिस कारण किसानों में मायूसी है। इसक कारण बरसाती मौसम बताया जा रहा है। मंडियों में गेहूं (mandi wheat rate) की आवक घटने से भी गेहूं के दाम (Wheat Price) गिरे हैं। पिछले कई दिनों की तेजी के बाद अब मंडियों में गेहूं का भाव (gehu ka bhav) गिर गया है। अब किसानों को पहले वाला मुनाफा नहीं मिल पा रहा है।
इन राज्यों में भी घटे रेट-
उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश (MP wheat rate) में किसान कम रेट पर गेहूं बेचने को मजबूर हो रहे हैं। हालांकि इनमें वे अधिक किसान शामिल हैं, जिनका गेहूं भीग गया है। निजी व्यापारी भी इस गेहूं को कौड़ियों के भाव ही खरीद रहे हैं। इससे किसानों की फसल लागत पूरी नहीं हो रही है।
मंडियों में घट गई गेहूं की आवक-
अभी तक किसान हाई रेट पर गेहूं बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे थे। जून माह के अंत में तो गेहूं के रेट (Wheat rate update) अचानक गिर गए हैं। इसका कारण माना जा रहा है कि अधिकतर गेहूं उत्पादक राज्यों में जून माह के अंत में अच्छी बारिश हुई है। इस कारण अधिकतर किसानों का गेहूं भीगा है तो प्राकृतिक रूप से भी गेहूं ने नमी पकड़ी है। यही वजह है कि मंडियों (mandi bhav today) में भी गेहूं के दाम व आवक घट गई है।