Wheat Rate Update : गेहूं का भाव हर दिन तेजी से बढ़ता जा रहा है। किसानों को गेहूं बिक्री पर तगड़ा मुनाफा मिल रहा है। इस सीजन की शुरुआत से ही गेहूं के भाव (wheat rate 01 july ) में बदलाव देखा जा रहा था, पिछले कई दिनों की तेजी के बाद अब मंडियों में गेहूं का भाव डबल हो गया है। आइये जानते हैं अब कितने हो गए हैं 1 क्विंटल गेहूं के दाम।
गेहूं उत्पादक राज्यों में किसान ऊंचे रेट पर गेहूं बेचकर इस समय मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। जून माह के अंतिम सप्ताह में तो गेहूं के रेट (Wheat rate update) अचानक उछाल पर आए हैं। ये एकदम से डबल हो गए हैं। प्रति क्विंटल गेहूं पर एमएसपी और बोनस का फायदा तो किसानों को पहले ही मिल रहा था, अब रेट हाई होने से वे दोगुना लाभ ले रहे हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार जुलाई और अगस्त माह भी गेहूं के भाव (gehu ka bhav) में तगड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है।
निजी व्यापारी कर रहे गेहूं की खरीद-
अब भी कई राज्यों में गेहूं की आवक हो रही है, लेकिन सरकारी खरीद लगभग बंद हो गई है। इस बीच निजी व्यापारी किसानों से गेहूं की खरीद (wheat purchasing) करने लगे हैं। इस कारण कई राज्यों में गेहूं के दाम पहले से डबल हो गए हैं, तो कहीं पर ये एमएसपी (wheat MSP) से दोगुने हैं। कुछ दिन पहले कुछ मंडियों में गेहूं 2310 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था, जो अब 4620 रुपये प्रति क्विंटल तक हो गया है।
इन राज्यों में बढ़े गेहूं के दाम –
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में गेहूं के दाम (MP wheat price) हाईलेवल पर चल रहे हैं। यहां पर एमएसपी 2425 रुपये प्रति क्विंटल से कुछ ऊपर हैं, लेकिन महाराष्ट्र में गेहूं के दाम (wheat rate latest) 5550 रुपये से भी ऊपर हैं। इसके अलावा राजस्थान में भी गेहूं के दाम पहले से हाई हो गए हैं। यहां पर 150 रुपये बोनस का फायदा गेहूं की प्रति क्विंटल बिक्री पर राज्य सरकार ने किसानों को दिया है।
यह कहना है एक्सपर्ट्स का-
जून माह में गेहूं के भाव (wheat rate 01 july ) में तगड़ा उतार चढ़ाव देखने को मिला है, जो आगे भी जारी रहने की संभावना है। एक्सपर्ट्स के अनुसार कुछ माह बाद गेहूं का ऑफ सीजन शुरू हो जाएगा, तब गेहूं के दाम (wheat price hike) और हाई हो सकते हैं। अगर किसान गेहूं को स्टॉक करते हैं तो रेट पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं।
मंडियों में फिर से बढ़ी हलचल-
अब गेहूं के दाम बढ़ने से कई राज्यों की मंडियों (mandi bhav today) में हलचल बढ़ गई है। इस कारण फिर से आवक शुरू हो गई है, हालांकि सरकारी खरीद अब बंद ही हो चुकी है। निजी व्यापारी गुणवत्ता के हिसाब से गेहूं का रेट तय कर रहे हैं। अच्छी गुणवत्ता वाले गेहूं के दाम (wheat price) भी किसानों को अच्छे मिल रहे हैं।