wheat rice latest rate : गेहूं और चावल के भाव में हो रहे उतार चढ़ाव के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला ले लिया है। सरकार का यह फैसला किसानों के साथ साथ व्यापारियों पर भी व्यापक असर डालेगा। ऐसे में यह निर्णय जानना दोनों के लिए ही जरूरी है, खबर में जानिये गेहूं व चावल (wheat and rice rate) को लेकर क्या निर्णय लिया है केंद्र सरकार ने।
जुलाई माह के पहले सप्ताह में ही गेहूं व चावल के रेट में तगड़ा फेरबदल दिखाई दिया तो केंद्र सरकार (govt decision on wheat rice) ने भी बड़ा फैसला लेने में देर नहीं की। देश की अधिकतर मंडियों (mandi bhav) में पिछले कुछ दिनों से गेहूं व चावल के भाव उठापटक पर चल रहे थे।
ये बदलते रेट किसानों व व्यापारियों के लिए नई परिस्थितियां तैयार कर रहे थे, ऐसे में सरकार ने भी फटाक से अहम निर्णय लिया है, इस निर्णय का असर जल्द ही गेहूं व चावल (wheat rice new price) के नए दामों पर तो दिखेगा ही, साथ ही अनेक किसान व व्यापारी भी सरकार के इस फैसले से प्रभावित होंगे।
एमएसपी से अधिक रखा रिजर्व प्राइस –
सरकार ने इस बार गेहूं का एमएसपी (wheat MSP) 150 रुपये बढ़ाते हुए 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था। अब सरकार के फैसले से एमएसपी से ज्यादा गेहूं का रिजर्व प्राइस (gehu ka Reserve Price) हो गया है। सरकार ने ओपन मार्केट सेलिंग स्कीम (OMSS) के तहत गेहूं, चावल और टूटे चावल की न्यूनतम आरक्षित कीमतें तय की हैं, इनमें जबरदस्त बढ़ौतरी भी सरकार ने की है। नई कीमतों के साथ ही इनकी सेल लिमिट (wheat selling limit) भी निधारित की गई है। इससे किसानों सहित कई वर्गों को फायदा मिलेगा।
इसलिए सरकार ने लिया है फैसला-
गेहूं और चावल (wheat rice Reserve Price) का ऑफ सीजन शुरू होने वाला है, ऐसे में इनके दाम काफी हाई हो जाते हैं और उपभोक्ताओं को महंगाई के दौर में आटा (flour price), चावल और गेहूं खरीदने के लिए जेब हल्की करनी पड़ती हैं। पिछले साल भी कुछ ऐसा ही हुआ था, इसलिए सरकार ने समय रहते सस्ते दामों पर उपभोक्ताओं को आटा, गेहूं व चावल (wheat rice update price) उपलब्ध कराने के लिए यह कदम उठाया है।
बढ़ते दामों पर लगेगी रोक-
आने वाले दिनों में ओपन मार्केट सेल स्कीम (Open Market Sale Scheme) के तहत बड़े ट्रेडर्स और रोलर फ्लोर मिल्स को सस्ता गेहूं और चावल दिया जाएगा। यह बाजार रेट से कम होगा, इस कारण महंगाई के साथ ही बेलगाम होते गेहूं चावल के दामों (wheat rice latest rate) पर भी नकेल कसेगी।
गेहूं चावल के रिजर्व प्राइस में इतनी बढ़ौतरी-
सरकार की ओर से गेहूं, चावल (wheat rice rate today) और टूटे चावल की न्यूनतम आरक्षित कीमतों की बात करें तो बता दें कि गेहूं का रिजर्व प्राइस 2,550 रुपये (wheat rice Reserve price) प्रति क्विंटल रखा गया है। यह गेहूं के एमएसपी 2425 रुपये प्रति क्विंटल से 125 रुपये अधिक है। रबी के मार्केटिंग सीजन 2025-26 से लागू होने वाला यह रिजर्व प्राइस किसानों व व्यापारियों पर काफी असर डालेगा। हालांकि, चावल का नया भाव (rice latest rate) 1 अक्टूबर से लागू किया जाएगा। उससे पहले पुराने रेट 2,250 रुपये प्रति क्विंटल वाले ही लागू रहेंगे।
टूटे चावल की कीमतें व सेल लिमिट भी तय –
टूटे चावल (broken rice price) का उपयोग एथेनॉल बनाने के लिए किया जाता है। अब नए रेट 2320 रुपये प्रति क्विंटल तय किए गए हैं। ये पहले 2,250 रुपये प्रति क्विंटल थे, अधिकतम 52 लाख टन टूटे चावल की बिक्री (sale of broken rice) रबी सीजन में की जाएगी।
मोटे अनाज का रिजर्व प्राइस-
मोटे अनाज के रिजर्व प्राइस (Reserve price of coarse grains) की बात करें तो बाजरा (Bajra price) 2,775 रुपये प्रति क्विंटल, रागी (Ragi) 4,886 रुपये, ज्वार (Jowar ka bhav) 3,749 रुपये ओर मक्का (Maize price) का रिजर्व प्राइस 2,400 रुपये प्रति क्विंटल है।
इसलिए सरकार लागू करती है OMSS –
खाद्य महंगाई रोकने के लिए सरकार जरूरत अनुसार भारतीय खाद्य निगम (Food corporation of india) के गोदामों में एकत्रित गेहूं और चावल आदि को खुले बाजार में बेचने के लिए उतारती है, ताकि लोगों को सस्ते रेट पर गेहूं चावल (gehu chawal ka bhav) आदि अनाज मिल सके।
FCI के पास इतना है स्टॉक –
FCI के पास चावल का स्टॉक (FCI rice stock) 37.99 मिलियन टन है। कच्चा धान 32.25 मिलियन टन है और इससे करीब 21.6 मिलियन टन चावल निकाला जाएगा। इसके अलावा गेहूं का स्टॉक (wheat stock) 36.92 मिलियन टन और मोटे अनाज का भंडारण 0.46 मिलियन टन तक है।
ऐसे होगी भारत ब्रांड चावल की बिक्री-
राज्य सरकारों और उनके निगमों को तो अधिकतम 32 लाख टन चावल 2,320 रुपये प्रति क्विंटल के रेट (peddy price udpate) पर मिलेगा लेकिन भारत ब्रांड चावल बेचने वाले केंद्रीय सहकारी संगठनों में शामिल NAFED, NCCF और केंद्रीय भंडार को 2480 रुपये प्रति क्विंटल की दर से दिया जाएगा, यह पहले 2,400 रुपये प्रति क्विंटल था।
FCI की होगी यह जिम्मेदारी-
गेहूं व चावल के स्टॉक का प्रबंधन FCI करेगा। यह FCI की जिम्मेदारी होगी कि कब और कितनी मात्रा में गेहूं और चावल (wheat and rice rates) बेचा जाना है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए भी जरूरी स्टॉक एफसीआई को बनाए रखना होगा। आपात स्थिति से निपटने के लिए 20 लाख टन गेहूं और 30 लाख टन चावल का अतिरिक्त स्टॉक भी भारतीय खाद्य निगम (wheat rice FCI rates) की ओर से पहले ही रखा जाएगा।