गंगा दशहरा पर भारत की पवित्र नदी और माता की पूजा अर्चना के लिए मनाया जाता है हर वर्ष ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा दशहरा मनाया जाता है गंगा दशहरा के दिन भक्त ब्रह्म बेला में गंगा स्नान के बाद विधि-विधान से गंगा मैया की पूजा की जाती है इस दिन गंगा माता का धरती लोक पर अवतरण हुआ है, इस नदी में स्नान करने से मनुष्य जाती के सभी पाप धूल जाते है तो आइए जान लेते है यह कब मनाया जाता है।
गंगा दशहरा की तिथि
इस वर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 16 जून को देर रात 2 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर 17 जून को ब्रह्म बेला 4 बजकर 43 मिनट तक रहेगी इसके साथ ही गंगा दशहरा 16 जून को मनाया जाएगा।
गंगा दशहरा का खास महत्व
गंगा दशहरा को कुछ खास योग बन रहा है इस दिन संध्या 9 बजकर 3 मिनट तक वरीयान योग है इसके बाद में रिध योग बन रहा है. इसके अलावा इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है इस योग में गंगा स्नान और दान का खास महत्व है।
गंगा दशहरा का महत्व
राजा भगीरथ के कठोर तपस्या करने से गंगा नदी स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई हैं, गंगा स्नान करने से पाप, रोग, दोष और विपत्तियों से मुक्ति मिल जाती है। गंगा दशहरा के दिन पवित्र गंगा नदी में स्नान करने का महत्व और बढ़ जाता है, इस दिन गंगा स्नान से उन दस मुख्य पापों से मुक्ति मिल जाती है जो पुण्य प्राप्ति में बाधक होते हैं। इनमें दैहिक पाप, वाणी पाप और मानसिक पाप शामिल हैं।