हिन्दू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व बताया गया है।ये हिन्दू मॉस की अंतिम तिथि होती है।इस दिन दान पुण्य,पूजा आदि करने से उसका फल कई गिना होकर मिलता है।हिन्दू पंचाग का 11 महीना है माघ।इस महीने में कई बड़े व्रत त्यौहार मनाए जाते है।इस महीने की अंतिम तिथि यानि पूर्णिमा बहुत ही खास मानी गयी है।इस दिन पवित्र नदी में सन्ना करने और जरुरतमंदो को दान के साथ ही भगवान विष्णु की पूजा की परम्परा है।तो आइए जानते है माघ पूर्णिमा कब है ?? माघ पूर्णिमा का शुभ मुहर और पूजा विधि के बारे में
माघ पूर्णिंमा पूजा विधि
24 फरवरी शनिवार की सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करे।यह फिर घर पर गंगाजल मिलाकर स्न्नान करे।इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है।इसके लिए पहले घर में किसी साफ स्थान पर भगावन की प्रतिमा या चित्र स्थापित करे।पूजा स्थान पर शुद्ध घी का दीपक जलाए।देव प्रतिमा या चित्र को फूल माला पहनाए।तिलक लागए।मन ही मन जाप भी करते है।इसके बाद एक एक करके अबीर,गुलाल,रोली आदि चीजे चढ़ाते रहे।अंत में भगवान को अपनी इच्छा अनुसार भोग लगाए और आरती करे।
पूजा के बाद गरीबो को भोजन,वस्त्र,तिल ,कंबल,कपास,गुड़,घी ,जूते,फल अन्न आदि चीजों का दान करे।साथ में दक्षिणा भी जरूर दे।इस दिन सयमपूर्ण आचरण कर व्रत करे यानी अन्न ग्रहण न करे।एक समय फलहार ले सकते है।अगले दिन 25 यानी 25 फरवरी रविवार की सुबह ब्रह्मणो को बुलाकर भोजन करवाए दक्षिणा दे और व्रत का पारणा करे।
कब है माघ पूर्णिमा 2024 ??
पंचाग के अनुसार माघ मास की पूर्णिमा तिथि 23 फरवरी,शुक्रवार की दोपहर 3:34 की दोपहर से शुरू होगी ,जो 24 फरवरी,शनिवार की शाम 6:00 बजे तक रहेगी।चुकी पूर्णिमा तिथि का सूर्योदय 24 फरवरी को होगा,इसलिए तिथि से समन्धित सभी कार्य जैसे स्नान दान,पूजा आदि भी इसी दिन किए जाएगे।
शुभ मुहर्त
ज्योतिष के अनुसार 24 फरवरी शनिवार को माघ नक्षत्र पुरे दिन रहेगा,जिससे पढभ नाम का शुभ योग बनेगा।इसके अलावा इस दिन शुक्र नाम का एक अन्य शुभ योग भी रहेगा।इस दिन स्नान दान का शुभ मुहर्त सुबह 5 : 11 से 6:02 तक है।पूजा के मुहर्त इस प्रकार है
सुबह 8:22 से 9:48 तक ,दोपहर 12:40 से 2:05 ,दोपहर 3:31 से 4:57 तक है।