साल 2024 की सबसे जरूरी अमावस्या मोनी अमावस्या है ,जो 9 फरवरी दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी।मोनी अमावस्या के बाद सबसे जरुरी सोमवती अमावस्या है।सोमवती अमावस्या के अवसर पर ब्र्हा मुहर्त में पवित्र नदियों में स्न्नान किया जाता है।उसके बाद अपनी क्षमता के मुताबित दान करने का विधान है।सोमवती अमावस्या पर व्रत रखकर माता पार्वती और देवो के देव महादेव की पूजा की जाती है।उनकी कृपा से दांपत्य जीवन सुखमय होता है।तो चलिए जानते है ज्योतिष के अनुसार कब है सोमवती अमावस्या ??
कब है सोमवती अमावस्या 2024 ??
ज्योतिष के अनुसार चैत्र में अमावस्या अमावस्या है।इस साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 08 अप्रेल को प्रातः 08 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी।यह तिथि उस रात 11 बजकर 50 मिनट तक मान्य हॉग।ऐसे में सोमवती अमावस्या 8 अप्रेल दिन सोमवार को है,उस दिन चैत्र अमावस्या भी होगी।हिन्दू कैलेंडर के अनुसार जो भी अमावस्या सोमवार के दिन आती है उसे सोमवती अमावस्या कहते है।मंगलवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या सोमवती अमावस्या और शनिवार के दिन होने वाली अमावस्या शनि अमावस्या कहलाती है।
स्नान दान का मुहर्त
8 अप्रेल को सोमवती अमावस्या का स्न्नाना और दान बढ़ा मुहर्त में 4:32 एएम से लेकर 5:18 एम से शुरू होगी।इस समय से पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाई जाएगी।प्रातः काल से ही इंद्र योग और उत्तर भादप्रद नक्शत्र है।
पूजा विधि
सोमवती अमावस्या को स्नान और दान करने के बाद व्रत और पूजा का संकल्प ले।उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करे।भगवान शिव को अक्षत,बेलपत्र,भाग,मदार,धुप,दिप,शह्द आदि अर्पित करे।माता पार्वती को अक्षत,सिंदूर,फल,फूल,धुप आदि अर्पित करे। इसके बाद शिव चालीसा और पार्वती चालीसा का पाठ करे।फिर आरती करे।