Wildlife Corridor: पंजाब के निवासियों के लिए एक बड़ी और सकारात्मक खबर सामने आई है. राज्य में पहली बार एक वन्यजीव गलियारे (Wildlife Corridor) के निर्माण को मंजूरी मिल गई है. यह गलियारा जीरकपुर बाईपास रोड प्रोजेक्ट के अंतर्गत बनाया जाएगा. जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है.
जीरकपुर बाईपास परियोजना को मिली दो साल बाद मंजूरी
जीरकपुर बाईपास रोड परियोजना पिछले दो वर्षों से वन भूमि के कारण अटकी हुई थी. यह परियोजना वन संरक्षण अधिनियम (Forest Conservation Act – FCA) के तहत फंसी हुई थी. क्योंकि प्रस्तावित मार्ग वन क्षेत्र से होकर गुजरता है. इस समस्या का हल निकालते हुए सरकार ने एलिवेटेड रोड के निर्माण का प्रस्ताव रखा. जिससे वन्यजीवों की आवाजाही सुरक्षित बनी रहे और सड़क यातायात भी सुचारु रूप से चल सके.
6-लेन सड़क से जुड़ेगा जंगल
यह प्रस्तावित सड़क 6 लेन की होगी और जंगल के बीच से गुजरते हुए लगभग 50 एकड़ भूमि को प्रभावित करेगी. हालांकि इस बात का खास ध्यान रखा गया है कि वन्यजीवों की आवाजाही में कोई बाधा ना आए. इसलिए लगभग 3 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड स्ट्रेच इस क्षेत्र में बनाया जाएगा. जिससे जंगल के जानवर एक ओर से दूसरी ओर आसानी से जा सकें.
परियोजना की लागत और निर्माण योजना
जीरकपुर बाईपास प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 19.2 किलोमीटर है, जो पंजाब और हरियाणा को जोड़ेगी. इस पूरी परियोजना पर 1,878.31 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है. एलिवेटेड रोड के निर्माण में अतिरिक्त 200 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यह गलियारा प्राकृतिक परिवेश और इकोलॉजिकल बैलेंस को बनाए रखते हुए विकसित किया जाएगा.
क्यों खास है यह वाइल्डलाइफ कॉरिडोर?
इस प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह राज्य का पहला वाइल्डलाइफ कॉरिडोर होगा. इससे सड़क विकास और पर्यावरण संरक्षण दोनों के बीच संतुलन स्थापित होगा. वन्यजीवों के लिए बिना किसी खतरे के आवागमन संभव होगा. जिससे जंगलों में बायोडायवर्सिटी को नुकसान नहीं पहुंचेगा. साथ ही यह मॉडल भविष्य की परियोजनाओं के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बन सकता है.