भारत में डिजिटल भुगतानों का चलन तेजी से बढ़ रहा है जिसमें यूपीआई सबसे प्रमुख भूमिका निभा रहा है. अप्रैल से जुलाई 2024 के बीच देश में यूपीआई के माध्यम से 80 लाख करोड़ रुपये के लेन-देन हुए जो डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास को दर्शाता है. हालांकि, इस वृद्धि के साथ ही गलती से दूसरे की यूपीआई आईडी पर पैसे ट्रांसफर होने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं. यह समस्या यूपीआई लेनदेनों के सुरक्षित होने के बावजूद भी यह समस्या ज्यादा बढ़ रही है.
समस्या की जल्दी रिपोर्टिंग
अगर आपके साथ ऐसा होता है कि आपके यूपीआई द्वारा भेजे गए पैसे गलत आईडी पर चले जाते हैं, तो तुरंत अपने बैंक या यूपीआई सेवा प्रदाता से संपर्क करें. जितनी जल्दी आप इसकी जानकारी देंगे, आपके पैसे वापस मिलने की संभावना उतनी ही अधिक होगी. अधिकांश बैंक और यूपीआई प्रोवाइडर्स ऐसी स्थितियों के लिए प्रोटोकॉल तैयार रखते हैं.
गलत ट्रांजैक्शन की पूरी जानकारी देना
जब आप शिकायत दर्ज कराते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप गलत लेन-देन की सभी जानकारी प्रदान करें. इसमें गलत यूपीआई आईडी, ट्रांसफर की गई राशि और लेन-देन की तारीख शामिल हैं. यह जानकारी बैंक या यूपीआई प्रोवाइडर को आपके पैसे वापसी की प्रक्रिया में मदद करेगी
प्राप्तकर्ता से सीधे संपर्क
यदि संभव हो तो उस व्यक्ति से संपर्क करें जिन्हें आपने गलती से पैसे भेज दिए हैं. अक्सर, विनम्रता से संपर्क करने पर लोग आपकी राशि वापस करने को तैयार हो जाते हैं. इस तरह की सीधी बातचीत से मामला जल्दी सुलझ सकता है
एनपीसीआई में शिकायत दर्ज करना
अगर उपरोक्त तरीके से समाधान नहीं मिलता है, तो आप नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) में शिकायत दर्ज कर सकते हैं. NPCI यूपीआई सिस्टम की निगरानी करता है और वह इस तरह की समस्याओं का समाधान करने में सक्षम है
कानूनी सहायता
यदि सभी प्रयास विफल हो जाते हैं और आपको लगता है कि आपके साथ धोखाधड़ी हुई है, तो कानूनी सहायता लेने का विकल्प भी आपके पास होता है. आप अपनी शिकायत को पुलिस स्टेशन में दर्ज करा सकते हैं, और यदि आवश्यक हो तो न्यायालय का भी सहारा ले सकते हैं