Shimla Mirch Ki Kheti: देश में अच्छा उत्पादन प्राप्त हो और इसके अलावा किसानों को अधिक लाभ देने के लिए केंद्र सरकार के अलावा अलग-अलग राज्यों सरकार के द्वारा भी कई तरह की योजना, जिसमें किसानों को कृषि यंत्र सब्सिडी से लेकर खेती पर अन्य प्रकार की सब्सिडी भी दिया जाता है। इसी प्रकार अब प्रदेश सरकार की ओर से किसानों को शिमला मिर्च की खेती करने पर सब्सिडी (Shimla Mirch 75% Subsidy) का लाभ प्राप्त हो पाएगा।
किसान को Shimla Mirch 75% Subsidy
हमारे देश में शिमला मिर्च का उत्पादन हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और केरल में भारी मात्रा में पैदावार होता है।
शिमला मिर्च की खेती में कितना मिलेगा सब्सिडी
Shimla Mirch 75% Subsidy : बता दे कि किसानों के लिए सरकार के द्वारा शिमला मिर्च की खेती करने पर 75% तक का सब्सिडी दिया जाने वाला है। जिसके लिए किसानों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पूरा करना होगा ऐसे में किसानों को योजना से जुड़ी जानकारी आईए जानते हैं विस्तार से..
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया हुआ आरंभ
Shimla Mirch 75% Subsidy Registration: किसानों को प्रदेश सरकार के द्वारा मिलने वाली शिमला मिर्च खेती पर सब्सिडी के लिए रजिस्ट्रेशन का प्रक्रिया भी आरंभ हो चुका है। शिमला मिर्च की खेती करने पर तकरीबन 75 दिन में पककर तैयार हो जाता है। शिमला मिर्च का डिमांड मार्केट में अच्छा रहता है और इसकी खेती से किसान अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं ।
शिमला मिर्च की खेती पर कितना मिलेगा खर्चे पर अनुदान
बता दें कि उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए शिमला मिर्च की खेती प्रति हेक्टेयर तकरीबन 50 हजार रुपए खर्च होगा। उसमें से 70% तक अनुदान के रूप में मिलेगा। मिलने वाले अनुदान व उत्पादन से किसानों को डबल लाभ मिलेगा।
किसानों को शिमला मिर्च अच्छे उत्पादन के लिए जरूरी बातें
1). किसानों को सर्दी के कारण शिमला मिर्च को अधिक पानी ना दें
2). पौधों के लिए हर रोज चार से लेकर 5 घंटे तक धूप की आवश्यकता.
3). बता दें की शिमला मिर्च की खेती वैसे तो गर्म जलवायु का जरूरत रहता है। और ऐसे में अगर आप ऐसी जगह जहां अधिक ठंड नहीं रहता और आप ठंड के तापमान को नियंत्रित कर सकते हैं तो आप शिमला मिर्च की खेती कर पाएंगे।
4). शिमला मिर्च खेती में 20 से लेकर 30 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत।
5). शिमला मिर्च का खेती बलुई दोमट मिट्टी में अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
बता दें कि शिमला मिर्च की डिमांड अच्छा रहता है। इसलिए सरकार की ओर से किसानों को अधिक मुनाफा प्राप्त हो। गंगा के तटीय इलाकों में कम खर्चे में शिमला की खेती के लिए तकरीबन 35 हेक्टेयर खेती का लक्ष्य का अनुमान रखा गया।