8th Pay Commission Updates : अब 7वां वेतन आयोग कर्मचारियों के लिए आखिरी आयोग हो सकता है, क्योंकि कर्मचारियों के लिए नया वेतन आयोग नहीं बनेगा, नए फॉर्मूले के हिसाब से सैलरी में बढ़ोतरी की जा सकती है। हालांकि नए साल 2025 की शुरुआत के साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के साथ 8वें वेतन आयोग का बेसब्री से इंतजार है। आइए जानते हैं सैलरी बढ़ोतरी के लिए कौन सा नया फॉर्मूला अपनाया जा सकता है।
देश में बढ़ती महंगाई को देखते हुए कर्मचारी कयास लगा रहे हैं कि सरकार इस आगामी बजट में 8वें वेतन आयोग को लेकर कोई घोषणा कर सकती है। अब 7वां वेतन आयोग भी इस साल के अंत में 31 दिसंबर 2025 को खत्म हो जाएगा। जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि अब 8वां आयोग कर्मचारियों (Central Government Employee) की सैलरी तय करने के लिए नहीं आएगा, बल्कि अब सरकार की ओर से कर्मचारियों की सैलरी तय करने के लिए नया फॉर्मूला लाया जाएगा। आइए जानते हैं इस बारे में ताजा अपडेट।
बेसिक सैलरी बढ़ाने की है योजना-
7वें वेतन आयोग का गठन 2016 में हुआ था. 7वें वेतन आयोग में सैलरी में बढ़ोतरी फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से तय की गई थी. जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि अब कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए नया फॉर्मूला लाया जाएगा, जिसके तहत केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी हर साल रिवाइज की जाएगी. इसके अलावा हर साल बेसिक सैलरी बढ़ाने की योजना है.
जानिए क्या है ये नया फॉर्मूला?
आपको बता दें कि कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए आयक्रियोड फॉर्मूला पर विचार किया जा सकता है. इस नए फॉर्मूले पर काफी समय से चर्चा हो रही है. फिलहाल केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी फिटमेंट फैक्टर के आधार पर तय होती है और महंगाई भत्ते में साल में दो बार बदलाव किया जाता है. लेकिन अब बेसिक सैलरी में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. जानकारों के मुताबिक बताया जा रहा है कि अब सैलरी में बढ़ोतरी उनके प्रदर्शन (परफॉर्मेंस लिंक्ड इंक्रीमेंट) के आधार पर होगी.
सभी कैटेगरी के कर्मचारियों को मिलेगा बराबर लाभ-
महंगाई दर, जीवन-यापन लागत के आधार पर हर साल वेतन में बढ़ोतरी की जाएगी। अब इस फॉर्मूले (Aykryod Formula) के तहत इनका वेतन भी निजी क्षेत्र की कंपनियों के कर्मचारियों की तरह तय होगा। इस फॉर्मूले (Salary Revision Formula) को लाने का सरकार का मकसद समानता लाना है, ताकि सभी कैटेगरी के कर्मचारियों को बराबर लाभ मिल सके। हालांकि, सरकार ने अभी तक इस मामले में ऐसे किसी प्रस्ताव की पुष्टि नहीं की है। फिलहाल सभी कैटेगरी के वेतन में ग्रेड-पे (ग्रेड पे नियम) के हिसाब से बड़ा अंतर है। लेकिन, नया फॉर्मूला आने के बाद इस अंतर को खत्म करने की कोशिश की जा सकती है।
इस वजह से बन सकता है नया फॉर्मूला-
फिलहाल सरकार वेतन आयोग से अलग वेतन बढ़ाने के फॉर्मूले पर विचार कर रही है। हर पे-ग्रेड में कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक शामिल हैं। लेकिन इनके वेतन (वेतन गणना) में बड़ा अंतर होता है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि इसके पीछे सरकार का मकसद केंद्रीय कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना है। वैसे तो इस नए फॉर्मूले का सुझाव अच्छा है, लेकिन सरकार ने अभी तक इस बारे में कोई घोषणा नहीं की है और न ही इस तरह के किसी फॉर्मूले पर अभी चर्चा हुई है। जानकारी के मुताबिक 8वें वेतन आयोग पर क्या अंतिम फैसला होगा, इस बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
महंगाई को देखते हुए दिया जाएगा वेतन-
जानकारों का कहना है कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के समय आयोग के सदस्यों ने कहा था कि वेतन आयोग के अलावा कर्मचारियों के वेतन संशोधन के लिए कोई नया उपाय सोचना होगा। इस वजह से वेतन ढांचे को नए फॉर्मूले पर ले जाने की जरूरत है, ताकि कर्मचारियों के वेतन (Government Employee News) में समय-समय पर बढ़ोतरी होती रहे और कर्मचारियों के जीवन-यापन के खर्च को ध्यान में रखते हुए वेतन तय हो। कर्मचारियों को इस बढ़ती महंगाई को देखते हुए वेतन दिया जाना चाहिए। आयक्रॉयड फॉर्मूला देने वाले शख्स का कहना है कि आम आदमी की जरूरतों और महंगाई को देखते हुए कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी की जानी चाहिए। बताया जा रहा है कि फिलहाल सरकार इस फॉर्मूले पर विचार कर रही है और इस पर फैसला होना बाकी है।