जानिए घर के बाहर लगे पेड़ को काटने के लिए जरूरी परमिशन की प्रक्रिया और कानून के नियम। बिना अनुमति पेड़ काटने पर आपको 20,000 से 60,000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। इस लेख में पढ़ें कि किन दस्तावेजों की आवश्यकता है, आवेदन प्रक्रिया और नियमों का पालन कैसे करें।
हमारे पर्यावरण में पेड़ों की महत्वपूर्ण भूमिका है। वे न केवल ऑक्सीजन देते हैं बल्कि प्रदूषण को भी नियंत्रित करते हैं और जलवायु संतुलन बनाए रखते हैं। इसी वजह से भारत में बिना अनुमति के पेड़ काटना गैरकानूनी है। भारतीय वन कानून 1927 के तहत पेड़ काटने के लिए सरकार से अनुमति लेनी अनिवार्य है, और उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। यदि आप अपने घर के सामने का पेड़ काटना चाहते हैं, तो आपको स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।
पेड़ काटने की अनुमति कहां से लें?
- स्थानीय निकाय से परमिशन: अपने घर के बाहर लगे पेड़ को काटने के लिए आप नगर निगम, नगर पालिका, ग्राम पंचायत, या वन विभाग जैसी स्थानीय प्रशासनिक इकाई से लिखित अनुमति प्राप्त कर सकते हैं।
- दिल्ली के निवासियों के लिए ऑनलाइन आवेदन: यदि आप दिल्ली में रहते हैं, तो आप फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की आधिकारिक वेबसाइट https://dpta.eforest.delhi.gov.in/index.aspx पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यहां आपको एक फॉर्म भरना होगा और आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे।
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज और शुल्क
- आवेदन शुल्क: एक पेड़ को काटने के लिए वन विभाग में 34,500 रुपये का शुल्क देना होता है। यह शुल्क पेड़ के महत्व को ध्यान में रखते हुए लगाया गया है ताकि लोग सोच-समझकर पेड़ काटने का निर्णय लें।
- आवश्यक जानकारी:
- आवेदन करते समय आपको अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, पता और संपर्क विवरण देने होंगे।
- जिस जमीन पर पेड़ खड़ा है, उसकी पूरी जानकारी देनी होगी।
- पेड़ की एक स्पष्ट फोटो अपलोड करनी होगी।
- पेड़ काटने का कारण बताना होगा, जैसे कि वह जर्जर हो चुका है, किसी भवन के निर्माण में बाधा डाल रहा है, या सुरक्षा के लिहाज से इसे हटाना जरूरी है।
परमिशन प्राप्त करने के बाद प्रक्रिया
वन विभाग में आवेदन जमा करने और शुल्क देने के बाद, विभाग द्वारा आपके आवेदन की जांच की जाएगी। अगर सब कुछ ठीक पाया गया, तो आपको अनुमति मिल जाएगी, जिससे आप संबंधित पेड़ को हटा सकेंगे।
बिना परमिशन पेड़ काटने पर जुर्माना
बिना अनुमति के पेड़ काटने या छंटाई करने पर भारतीय वन कानून के अनुसार भारी जुर्माना लगाया जा सकता है:
- छंटाई का जुर्माना: बिना अनुमति छंटाई करने पर न्यूनतम 20,000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा।
- पूरे पेड़ को काटने पर जुर्माना: यदि आप बिना अनुमति पूरे पेड़ को काट देते हैं, तो 60,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इस जुर्माने का उद्देश्य लोगों को पेड़ों की महत्ता का एहसास कराना है और उन्हें बिना जरूरत पेड़ काटने से रोकना है।
पेड़ बचाने के सरकारी प्रयास
सरकार पेड़ों की सुरक्षा और पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने के लिए लगातार अभियान चलाती है। स्कूलों, दफ्तरों और सार्वजनिक स्थलों पर वृक्षारोपण के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। हर साल नए पेड़ लगाए जाते हैं ताकि पर्यावरण को हरा-भरा रखा जा सके और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जा सके।