इस परियोजना के पूर्ण हो जाने के पश्चात, राजगीर रेलखंड पर 3 नई ट्रेनों का संचालन शुरू किया जाएगा
बिहार के बख्तियारपुर से तिलैया तक 98 किलोमीटर लंबे रेलखंड का दोहरीकरण अब रेलवे की प्राथमिकता बन गया है। रेलवे ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 2400 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दे दी है। यह जानकारी भारतीय रेलवे बोर्ड के जनरल सेफ्टी डायरेक्टर हरिशंकर वर्मा ने हाल ही में राजगीर के दौरे के दौरान दी, जहां उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। इस परियोजना के सफलतापूर्वक पूर्ण होने के पश्चात, राजगीर रेलखंड को महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा, जिससे यात्रियों को बेहतर सेवाएं और सुविधाएं मिलेंगी। जनरल सेफ्टी डायरेक्टर हरिशंकर वर्मा ने हाल ही में जानकारी दी कि “राजगीर रेलवे स्टेशन का विकास अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप किया जाएगा, जिसमें दोहरीकरण की प्रक्रिया भी शामिल है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का लक्ष्य 3 वर्षों के भीतर इसे पूरा करना है। वर्तमान में, इस परियोजना से संबंधित सर्वेक्षण का कार्य तेजी से चल रहा है, जिससे सभी आवश्यक तैयारियों को समय पर पूरा किया जा सके।”
राजगीर, जो अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है, अब रेलवे नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है। इस विकास के साथ, यात्रियों को बेहतर सुविधाएं और सेवाएं प्रदान की जाएंगी। रेलवे प्रशासन ने इस परियोजना को प्राथमिकता दी है, जिससे क्षेत्र के विकास में तेजी आएगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
इस परियोजना के पूर्ण हो जाने के पश्चात, राजगीर रेलखंड पर 3 नई ट्रेनों का संचालन शुरू किया जाएगा। इससे यात्रियों को यात्रा के दौरान बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी और उनके यात्रा अनुभव को और अधिक सहज बनाया जा सकेगा। वर्तमान में, राजगीर स्टेशन पर केवल एक ही पीट लाइन उपलब्ध है, लेकिन जल्द ही एक नई पीट लाइन का निर्माण भी किया जाएगा। इस विकास से न केवल यातायात में वृद्धि होगी, बल्कि यात्रियों की सुविधा में भी सुधार होगा।
जांच के दौरान वर्मा ने रेलवे अधिकारियों को सुरक्षा और परिचालन के मामलों में गहन ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि “सभी कार्यों का बारीकी से मूल्यांकन किया जाना चाहिए ताकि रेल परिचालन में किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न न हो।” वर्मा ने यह भी बताया कि एक सुरक्षित और प्रभावी रेल सेवा सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित प्रक्रियाओं का सावधानीपूर्वक पालन किया जाना चाहिए।
इस दौरान, उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देश दिए कि वे किसी भी समस्या के समाधान के लिए तत्पर रहें और यात्रियों की सुरक्षा को हमेशा प्राथमिकता दें। वर्मा ने यह भी कहा कि नियमित निरीक्षण और निगरानी से ही हम रेल नेटवर्क की दक्षता को बढ़ा सकते हैं।