प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि भारत का लक्ष्य विकसित राष्ट्र बनना है और इसके लिए न्याय प्रणाली का आधुनिकीकरण अनिवार्य है। उन्होंने न्याय की सुगमता और वैकल्पिक विवाद तंत्र को प्रोत्साहित करने के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की और उम्मीद जताई कि ये सुधार न्यायिक प्रक्रियाओं को अधिक सुलभ और प्रभावी बनाएंगे।
Modi News: प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि भारत का लक्ष्य विकसित राष्ट्र बनना है और इसके लिए न्याय प्रणाली का आधुनिकीकरण अनिवार्य है। उन्होंने न्याय की सुगमता और वैकल्पिक विवाद तंत्र को प्रोत्साहित करने के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की और उम्मीद जताई कि ये सुधार न्यायिक प्रक्रियाओं को अधिक सुलभ और प्रभावी बनाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोधपुर में रविवार को राजस्थान उच्च न्यायालय की 75वीं वर्षगांठ समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने राजस्थान उच्च न्यायालय संग्रहालय का उद्घाटन किया और एक प्रभावशाली भाषण दिया, जिसमें उन्होंने भारतीय न्याय प्रणाली में हो रहे महत्वपूर्ण परिवर्तनों पर प्रकाश डाला।
अपने भाषण में पीएम मोदी ने भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्यायिक संहिता लाने की दिशा में सरकार के प्रयासों का जिक्र किया। उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाने और सीएए जैसे कानूनों को संवैधानिक एकीकरण के उदाहरणों के रूप में प्रस्तुत किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने आईटी क्रांति द्वारा भारतीय न्याय प्रणाली में आए बदलावों पर जोर दिया। उन्होंने ई-कोर्ट प्रणाली का उल्लेख किया, जिसमें 26 करोड़ से अधिक मामले राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के माध्यम से एक केंद्रीकृत मंच पर जुड़े हुए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि कागज रहित अदालतें और इलेक्ट्रॉनिक समन सेवाएं न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतिनिधित्व करती हैं। उन्होंने राजस्थान की प्रगति की प्रशंसा की और बताया कि आईटी प्रणाली का एकीकरण सभी स्तरों की अदालतों में आवश्यक है।
मोदी ने बताया कि कैसे प्रौद्योगिकी ने गरीबों को सशक्त बनाया है और न्याय की सुगमता को बढ़ाया है। उन्होंने कानूनी दस्तावेजों को स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध कराने के महत्व पर जोर दिया और सुप्रीम कोर्ट द्वारा विकसित किए गए सॉफ्टवेयर का उल्लेख किया, जो 18 भाषाओं में दस्तावेज उपलब्ध कराता है।