सरकारी राशन वितरण में अनियमितता रोकने के लिए अब और नए उपाय किए जा रहे हैं। अब ओटीपी के जरिए एक दिन में सिर्फ तीन लोगों को ही राशन मिलेगा। राशन डीलर एक दिन में सिर्फ तीन लोगों को ही राशन दे सकेगा। इसके अलावा फिंगर प्रिंट और आईरिस की प्रक्रिया पहले की तरह ही रहेगी।
सरकार ने खाद्य सुरक्षा योजना में अनियमितता रोकने के लिए ओटीपी योजना शुरू की थी। लेकिन जब इसमें भी अनियमितता जारी रही तो इसमें फिर से बदलाव किया गया। अब डीलर एक दिन में सिर्फ तीन लाभार्थियों को ही राशन दे सकेगा। उनके बीच यानी राशन देने के बीच 30 मिनट से ज्यादा का अंतर होना जरूरी है।
फिंगर प्रिंट नहीं मिलने पर ओटीपी
राशन कार्ड धारकों को पीओएस मशीन के आधार पर राशन दिया जाता है। लेकिन कई बार लाभार्थी के हाथ की रेखाएं घिस जाने या त्वचा संबंधी कोई समस्या होने पर मशीन उसके फिंगर प्रिंट नहीं ले पाती। ऐसी स्थिति में लाभार्थी के परिवार के किसी भी सदस्य के हैंडप्रिंट या रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजकर इसकी पुष्टि कर राशन दिया जाता है।
अनियमितता रोकने के प्रयास
विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि राशन डीलर जनाधार या आधार कार्ड से जुड़े फोन नंबर पर ओटीपी भेजकर अनियमितता कर रहे हैं। जो उपभोक्ता राशन का गेहूं नहीं उठाते, डीलर उनके फोन नंबर पर ओटीपी भेजकर इसकी पुष्टि कर रहे हैं और फिर डीलर खुद ही उनके हिस्से का राशन उठाकर बाजार में बेच रहे हैं। इस धांधली को रोकने के लिए विभाग ने फिलहाल प्रयोग के तौर पर एक दिन में सिर्फ तीन ओटीपी भेजकर राशन देने का फैसला किया है।
आइरिस स्कैन से राशन
पहले सिर्फ फिंगर प्रिंट और फिर ओटीपी के जरिए राशन मिलता था। लेकिन कई बार फिंगर प्रिंट पीओएस मशीन में नहीं आने के कारण कई राशन कार्ड धारक राशन से वंचित रह जाते थे। इसके बाद विभाग ने आंखों की पुतलियों को स्कैन करके राशन देने का नया तरीका निकाला था। जिसे अब लागू कर दिया गया है। अब लाभार्थियों के लिए आइरिस स्कैनर वाली विंग मशीन भी उपलब्ध कराई गई है। इससे लाभार्थी की आंख की पुतलियों को स्कैन करके जानकारी की पुष्टि की जा सकेगी।