सैकड़ों वर्षों के बाद में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है 22 जनवरी को मंदिर के उद्घाटन और भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है इसे लेकर के देशभर में उत्साह देखने को मिल रहा है पूरे देश में ख़ुशी का मौहाल है और आयोध्या से सटे सराय रासी गांव में तो 500 साल पुराना एक प्रण पूरा हुआ है, गांव के इन लोगो ने 500 साल बाद में पगड़ी पहनी है।
दरअसल यहां के सूर्यवंशी ठाकुरों का कहना है कि उनके पूर्वज ठाकुर गजराज सिंह ने ये कसम खायी थी कि जब तक भगवान राम अपने मंदिर में फिर से विराजमान नहीं हो जाते, वो सिर पर पगड़ी नहीं पहनेंगे और विवाह के लिए जो मंडप बनाए जाते हैं, उस पर छत नहीं बनवाएंगे। अब राम मंदिर निर्माण के बाद यहां के 115 गांव के सूर्यवंशी ठाकुरों ने पगड़ी पहनी है। इन गांवों के लोगों ने 500 साल तक सिर पर पगड़ी नहीं पहनी और मंडप की छत नहीं बनाई।
लोगो का कहना है कि आयोध्या के आसपास में मध्य प्रदेश और राजस्थान से भी हमारे संप्रदाय के लोग आना चाहते है और पगड़ी, जूता और छाता भेंट करना चाहते है हमने 15 जनवरी के दिन मकर सक्रांति के दिन भगवान सूर्य को समर्पित करने के बाद में पगड़ी पहनी है। उन्होंने बताया कि ये हमारे लिए गर्व की बात है कि हम भगवान राम के वंशज हैं। पगड़ी हमारे लिए गर्व की बात है. हम 22 जनवरी को जब भगवान राम अपने घर में विराजेंगे तो दिन में होली और रात में दिवाली मनाकर खुशियां मनाएंगे।
गर्भगृह में विराजमान रामलला
अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान रामलला की प्रतिमा की पूरी झलक सामने आ गयी है और सालो के इंतजार के बाद रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं। इसी मूर्ति को गर्भ गृह में रखा गया है। राम मंदिर में भगवान के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर 16 जनवरी से ही अनुष्ठान शुरू हो गए हैं। 17 जनवरी को गर्भगृह में रामलला की 200 किलो वजन की नई मूर्ति स्थापित की गई है।
22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
22 जनवरी को दोपहर 12:30 बजे अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस खास मौके पर मुख्य यजमान के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत लगभग 6000 आमंत्रित साधु-संत और मेहमान शामिल होंगे।