हरियाणा में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की 100 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण किया जाएगा। यह प्रतिमा एक भव्य पार्क में स्थापित की जाएगी, जिसका क्षेत्रफल 7 एकड़ होगा। इस पार्क का निर्माण वाजपेई की याद में किया जा रहा है, और यह पार्क पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित होगा। प्रतिमा के साथ-साथ पार्क में हरियाणा की संस्कृति और इतिहास को भी प्रदर्शित किया जाएगा। जानें इस प्रोजेक्ट के बारे में सभी प्रमुख जानकारी।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम में एक विशेष पार्क और स्मृति केंद्र बनाने का निर्णय लिया है। यह पार्क और स्मृति केंद्र गांव धर्मपुर में लगभग 7 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा। इस परियोजना के तहत, बायो-डायवर्सिटी पार्क, लाइब्रेरी, और अटल बिहारी वाजपेयी की 100 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण किया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य अटल जी की याद में एक स्थायी स्मृति स्थापित करना है और उनके योगदान को आगामी पीढ़ियों तक पहुंचाना है।
पहली बार प्रस्तावित, अब लागू होने जा रही योजना
इस पार्क और स्मृति केंद्र का प्रस्ताव पहले 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दिया था। हालांकि, यह योजना पिछले चार सालों से कागजों तक सीमित थी और उस पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई थी। लेकिन अब मुख्यमंत्री नायब सैनी के आदेश के बाद, अधिकारियों को योजना को अग्रसर करने का निर्देश दिया गया है। मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश दिए थे कि जिन अधिकारियों द्वारा सीएम घोषणाओं को लटकाया जाएगा, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश के बाद नगर निगम ने इस योजना को गति देने के लिए कार्यवाही शुरू की।
योजना के तहत क्या होगा?
नगर निगम की योजना के अनुसार, बायो-डायवर्सिटी पार्क के रूप में इस पार्क को विकसित किया जाएगा। इस पार्क में बच्चों के खेलने के लिए खेल उपकरण, और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए एक लाइब्रेरी बनाई जाएगी। इसके अलावा, पार्क में अटल बिहारी वाजपेयी की 100 फीट ऊंची प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी, जो उनकी याद को अमर बनाएगी। यह परियोजना केवल एक स्मारक नहीं होगी, बल्कि इसे एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां देश-विदेश से लोग आकर पूर्व प्रधानमंत्री की श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे।
निर्माण के लिए प्रक्रिया
नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, इस परियोजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार की जाएगी, जिसे पहले एक सलाहकार एजेंसी द्वारा तैयार किया जाएगा। सलाहकार एजेंसी के चयन के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके बाद, DPR को राज्य सरकार के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। एक बार सरकार से अनुमोदन प्राप्त हो जाने के बाद, निर्माण के लिए निजी एजेंसी से टेंडर लिया जाएगा। टेंडर के तहत, जो भी निर्माण लागत की प्रस्तावित दरें होंगी, उन्हें फिर से सरकार से मंजूरी प्राप्त करनी होगी। सरकार से अनुमति मिलने के बाद, निजी एजेंसी इस पार्क के निर्माण का कार्य शुरू करेगी।
पर्यटन स्थल का विकास
नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि इस पार्क को केवल एक स्मारक के रूप में नहीं, बल्कि एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह है कि देशभर से लोग इस पार्क को देखने के लिए आएं और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करें। यह पार्क न केवल उनके योगदान को सम्मानित करेगा, बल्कि लोगों को पर्यावरण और शैक्षिक गतिविधियों के साथ जुड़ने का अवसर भी प्रदान करेगा।
स्मृति केंद्र का महत्व
यह स्मृति केंद्र अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को याद करने का एक स्थायी स्थल बनेगा। उनके कार्यकाल में किए गए ऐतिहासिक सुधार और उनके योगदान को इस केंद्र के माध्यम से नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। पार्क और स्मृति केंद्र के माध्यम से लोगों को उनके जीवन के प्रेरणादायक पहलुओं और उनकी राजनीतिक यात्रा के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
गुरुग्राम में अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के लिए पार्क और स्मृति केंद्र का निर्माण हरियाणा सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल उनके योगदान को सम्मानित करना है, बल्कि इसे एक स्थायी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना है। इस पहल से आने वाली पीढ़ियों को अटल जी के विचारों और कार्यों से प्रेरणा मिलेगी और उनके योगदान को सहेजने का एक बड़ा अवसर मिलेगा।