एक अच्छी संतान पाने का सपना हर किसी का होता है। वैसे तो संतान जैसी भी हो माता पिता को प्यारी ही होती है। लेकिन यदि संतान उत्तम गुणों से भरपूर हो तो माँ बाप का दिल खुशी से झूम उठता है। यदि आपकी संतान में उत्तम गुणों की कमी है, या आपको संतान का सुख नहीं मिल रहा या फिर आप गर्भवती हैं और चाहती हैं कि आने वाली संतान अच्छे गुणों वाली हो तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। आज हम आपको उत्तम गुणों वाली संतान पाने का रामबाण उपाय बताने जा रहे हैं।

हमारे वैदिक शास्त्रों में उत्तम संतान की प्राप्ति हेतु कई उपाय बताए गए हैं। इसमें मंत्र जप, तप, अनुष्ठान, हवन, व्रत जैसी चीजें शामिल है। लेकिन इन सभी में सबसे ज्यादा शक्तिशाली, प्रभावी और चमत्कारिक रूप से असर दिखाने वाली चीज ‘संतान गोपाल मंत्र’ होता है। इस चमत्कारी मंत्र का जिक्र कई शस्त्रों में किया गया है। ये मंत्र भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित होता है। यदि आप पूर्ण विधि विधान से इस मंत्रा का जाप करते हैं तो आपको निश्चित रूप से उत्तम गुणों से युक्त संतान प्राप्त होती है।
बस एक बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि आपको इस मंत्र का जाप पूर्ण श्रद्धा के साथ सात्विक रहते हुए करना होगा। यदि आप इस मंत्र से जुड़े सभी नियमों का अच्छे से पालन करते हैं तो आपको यकीनन इसकी सिद्धि होगी। हालांकि इस मंत्र का जाप शुरू करने से पहले यदि आप एक योग्य पंडित की सलाह लें तो आपके लिए बेहतर होगा। इस तरह आपसे कोई भी गलती नहीं होगी और आप एक सही मार्गदर्शन में इस मंत्र का जाप करेंगे।
मंत्र के लाभ

संतान गोपाल मंत्र को जपने के संतान से जुड़े कई लाभ होते हैं। जैसे इस मंत्र को जपने के बाद आपको संतान सुख प्राप्त करने में जो भी बाधाएं आ रही है वह खत्म हो जाती है। जो माता पिता इस मंत्र का जाप का जाप करते हैं उनकी संतान कई उत्तम गुणों से युक्त होती है। यदि किसी व्यक्ति की संतान होने के बाद जीवित नहीं रहती है तो उसे भी इस मंत्र का लाभ मिलता है। वहीं जिन स्त्रियों को गर्भपात होता है, उन्हें भी इस मंत्र को जपने से लाभ मिलता है।
मंत्र जपने का सही तरीका
यह मंत्र आपको स्फटिक या रूद्राक्ष की माला से जपना चाहिए। इस मंत्र का कम से कम एक लाख बार जाप करने से ही ये सिद्ध होता है। जब आपके एक लाख मंत्र के जाप हो जाएं तो आपको इसका दशांश कराना चाहिए। मतलब अपने घर में 10 हजार मंत्रों का एक हवं करवाएं। हवन करवाने के बाद ब्राह्मणों को श्रद्धानुसार क्षमतानुसार भोजन करवाएं और दान-दक्षिणा भी दें। उनके आशीर्वाद से आपकी संतान उत्तम गुणों वाली ही पैदा होगी।
संपूर्ण मंत्र विनियोग: अस्य गोपाल मंत्रस्य, नारद ऋषि:, अनुष्टुप छंद:, कृष्णो देवता, मम पुत्र कामनार्थ जपे विनियोग:
ध्यान: विजयेन युतो रथस्थित: प्रसभानीय समुद्र मध्यत: । प्रददत्त नयान् द्विजन्मने स्मरणीयो वसुदेव नंदन: ।।
संतान गोपाल मंत्र: ऊं देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ।।