31 साल पुरानी दोस्ती जब राहुल और सिंधिया की टूटी तो राहुल ने कही थी यह बात। सिंधिया ने भी मुंहतोड़ दिया था जवाब…
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लगभग डेढ़ साल पहले, 18 साल के कांग्रेस मोह के बाद बीजेपी का दामन थाम लिया था। बता दें कि ग्वालियर राजघराने से ताल्लुक रखने वाले सिंधिया आज भले नरेंद्र मोदी सरकार में उड्डयन मंत्रालय के पद पर आसीन हो, लेकिन एक समय ऐसा भी था। जब उनकी राहुल गांधी से ख़ूब पटती थी। इन दोनों की गहरी दोस्ती की ख़ूब चर्चा होती थी। आपको याद हो तो एक बार राहुल गांधी ने बीते वर्षो में संसद में आंख मारी थी। जिसकी ख़ूब चर्चा हुई थी।

तो उस दौरान बता दें कि राहुल गांधी ने सदन में ज्योतिरादित्य की तरफ़ देखते हुए ही किसी विषय पर चुटकी लेते हुए आंख मारी थी। जी हां वह संसद भवन हो या कोई और जगह अक्सर ही दोनों नेता एक दूसरे के साथ जुगलबंदी करते हुए नजर आते थे।

बता दें कि राहुल गांधी के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया की नजदीकी कई मौकों पर साफ दिखाई देती थी। 2014 के चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद भी दोनों नेता कई बार साथ दिखे थे। कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी का कमल खिलाने में लगे सिंधिया को कभी गांधी परिवार का सबसे नजदीकी शख्स माना जाता था।

राहुल गांधी के साथ उनकी दोस्ती ऐसी थी कि दोनों अक्सर एक ही पहनावे में नजर आते थे। लेकिन कमलनाथ के साथ उनकी सियासी उठापटक अक्सर दिख जाया करती थी। पार्टी के भीतर कई बार यह भी चर्चा उठी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया चाहते हैं कि उन्हें सांसद बनाकर राज्यसभा भेज दिया जाए, लेकिन दिग्विजय सिंह उनके नाम पर तैयार नहीं थे। जिसके बाद से ही सिंधिया ने कांग्रेस के साथ राहुल गांधी से भी दूरी बनानी शुरू कर दी थी।

इसके बाद उन्होंने मध्यप्रदेश में अपनी ही पार्टी के खिलाफ कई मुद्दे को लेकर लगातार हमला बोलते रहते थे। उन्होंने एक बार एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि 2018 के मेनिफेस्टो में कांग्रेस ने किसान कर्ज माफी और दूसरे किए गए वादे को पूरा नहीं करती है तो वह इसके खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे। उनकी मांगों को लगातार कांग्रेस आलाकमान की तरफ से नजरअंदाज किया जाता रहा था। इसके बाद से ही उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का मन बना लिया था।


मालूम हो कि राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी ज्वाइन करने पर कहा था कि, “ज्योतिरादित्य सिंधिया एकमात्र ऐसे नेता थे जो कभी भी मेरे घर आ सकते थे।” उन्होंने सिंधिया को लेकर यह भी कहा था कि वह अपनी विचारधारा भूल गए हैं, साथ ही अपने भविष्य को लेकर डरे हुए हैं। साथ ही राहुल ने कहा था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा में सम्मान नहीं मिलेगा। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी ज्वाइन करने के बाद कहा था कि, “आज मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि जनसेवा के लक्ष्य की पूर्ति उस संगठन के द्वारा नहीं की जा सकती थी।”

इतना ही नहीं कुछ दिन पहले भी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राहुल गांधी को जवाब देते हुए कहा था कि जितनी चिंता अब राहुल गांधी जी को मेरी है उतनी तब होती। जिस दौरान मैं कांग्रेस में था। तो आज बात अलग होती। वहीं आप सभी को जानकारी के लिए बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और राहुल गांधी ने साल 1989 में सेंट स्टीफन कॉलेज में एक साथ दाखिला लिया था, लेकिन आज दोनों की राहें अलग-अलग हो चुकी है।
