8th Pay Commission Pension :केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा कर दी है। यह नया वेतन आयोग 2026 में लागू हो सकता है। इस नए वेतन आयोग (8वें वेतन आयोग अपडेट) की घोषणा के बाद कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में काफी उत्साह है।
आठवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद कर्मचारियों की सैलरी में बंपर बढ़ोतरी होगी, जिससे इस बढ़ती महंगाई में कर्मचारियों को राहत मिल सकती है। सरकार के इस फैसले से न सिर्फ केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा बल्कि लाखों पेंशनभोगियों (Salary and Pension Hike news) को भी इस नए वेतन आयोग के तहत फायदा मिलेगा। आइए खबरों के जरिए जानते हैं कि आठवें वेतन आयोग के बाद सरकारी कर्मचारियों की पेंशन और सैलरी में कितनी बढ़ोतरी हो सकती है।
नए वेतन आयोग में मिलेंगे ये फायदे-
आठवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनभोगियों (Pension Hike Updates) की पेंशन में भी संशोधन और बढ़ोतरी होती है। इससे उन्हें महंगाई से लड़ने की क्षमता मिलती है। सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन काफी अहम होती है, जो महंगाई के दौर में रिटायरमेंट के वक्त उन्हें आर्थिक स्थिरता प्रदान करती है। पेंशन की मदद से कर्मचारियों का बुढ़ापा आराम से गुजरता है.
जब भी कोई नया वेतन आयोग बनता है तो उसका सीधा असर कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशन पर भी पड़ता है. खासकर इस नए वेतन आयोग के लागू होने से रिटायर होने वाले कर्मचारियों की पेंशन में बड़ी बढ़ोतरी (Pension Hike) होगी. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी मिलने की पुष्टि की है.
इतना फिटमेंट फैक्टर लागू होगा-
फिटमेंट फैक्टर के आधार पर सैलरी, डीए (DA Hike) और डीआर (Dearness relieve) समेत पेंशन में भी संशोधन देखने को मिलते हैं. अब सरकार ने इस नए आयोग के गठन का ऐलान कर दिया है, जिसके बाद यह आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए जरूरी सिफारिशें करेगा. बताया जा रहा है कि इस बार कर्मचारी यूनियनों ने फिटमेंट फैक्टर (fitment Factor in 8th Pay Commission) को बढ़ाकर 2.86 करने की मांग की है, जिससे कर्मचारियों की सैलरी के साथ-साथ पेंशन में भी बढ़ोतरी हो सके और इसका फायदा पेंशनर्स को भी मिले.
इस आधार पर बढ़ेगी पेंशन-
फिटमेंट फैक्टर एक महत्वपूर्ण संख्या है जिसका इस्तेमाल मौजूदा सैलरी को नई सैलरी में बदलने के लिए किया जाता है। फिटमेंट फैक्टर के आधार पर ही पेंशन में बढ़ोतरी तय होती है। आपको बता दें, फिलहाल यह 2.57 है, लेकिन कर्मचारी इसे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। अगर फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 2.86 कर दिया जाता है तो इससे कर्मचारियों की सैलरी के साथ-साथ पेंशनर्स की न्यूनतम पेंशन भी बढ़ जाएगी।
इस तरह कर सकते हैं पेंशन में बढ़ोतरी की गणना-
उदाहरण के लिए अगर किसी पेंशनर की मौजूदा न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये (Minimum Pension) है तो फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी के बाद यह बढ़कर करीब 25,740 रुपये हो सकती है। आप इसे खुद भी कैलकुलेट कर सकते हैं (8वें वेतन आयोग सैलरी कैलकुलेटर)। इसके लिए आपको बस अपनी न्यूनतम पेंशन को 2.86 से गुणा करना होगा। इसके बाद जो आंकड़ा सामने आएगा, वही आपकी नई पेंशन की रकम होगी।
हालांकि, आपको यह फॉर्मूला तभी अप्लाई करना चाहिए जब सरकार फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 2.86 कर दे। आप फिटमेंट फैक्टर के जरिए इस फॉर्मूले (फिटमेंट फैक्टर सैलरी कैलकुलेशन) का इस्तेमाल कर अपनी सैलरी और पेंशन में होने वाली बढ़ोतरी के बारे में आसानी से जानकारी हासिल कर सकते हैं।
महंगाई भत्ते में भी हो सकता है बदलाव-
महंगाई बढ़ने के साथ ही सरकार कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में संशोधन करती है। इससे पेंशनर्स को भी डीआर में बढ़ोतरी का फायदा मिलता है। इस बढ़ोतरी से पेंशनर्स की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है। इतना ही नहीं, इस नए आयोग के तहत यूपीएस (यूनिवर्सल पेंशन स्कीम), एनपीएस और ओपीएस (ओल्ड पेंशन स्कीम) जैसी अलग-अलग पेंशन स्कीम में भी बदलाव हो सकता है। फिटमेंट फैक्टर के साथ ही महंगाई भत्ता भी पेंशन में बढ़ोतरी का अहम हिस्सा होता है। पेंशनर्स चाहें तो इन योजनाओं का लाभ भी कमा सकते हैं, क्योंकि एक्सपर्ट्स के मुताबिक इन योजनाओं के तहत पेंशनर्स को नुकसान की कोई संभावना नहीं है, बल्कि ये योजनाएं फायदेमंद हैं।
पेंशन में इतनी बढ़ोतरी हो सकती है-
सरकार ने सैलरी और पेंशन में कितनी बढ़ोतरी होगी, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। पेंशन में बढ़ोतरी देश की आर्थिक स्थिति और बजट को देखकर ही की जाएगी। सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी से देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, जिससे पेंशनभोगियों की पेंशन में भी बढ़ोतरी की संभावना बढ़ेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि नए वेतन आयोग के तहत सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की पेंशन में करीब 20 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी (Salary and Pension Hike) देखने को मिल सकती है। हालांकि, यह महंगाई दर, सरकारी राजस्व और कर्मचारियों की मांग जैसे कई कारकों पर निर्भर करता है। इन सबका सही नतीजा नए वेतन आयोग के गठन के बाद ही पता चलेगा।