केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 8वां वेतन आयोग उम्मीदों की नई किरण लेकर आया है। हालांकि इसकी खुशखबरी मिलने में अभी थोड़ा समय है, लेकिन सरकार और विशेषज्ञों के बयानों से इतना साफ है कि तनख्वाह में बढ़ोतरी तो होगी और संभवतः अच्छी-खासी होगी। अब बड़ा सवाल है—सैलरी कितनी बढ़ सकती है? आइए पूरा मामला समझते हैं।
सरकारी दफ्तरों में सबसे बड़ी चर्चा—8वें वेतन आयोग में कितनी बढ़ेगी तनख्वाह?
नई दिल्ली: इन दिनों सरकारी दफ्तरों में अगर कोई सबसे ज्यादा चर्चा में है तो वह है 8th Pay Commission।
चाय की दुकान हो या लंच ब्रेक का समय—हर जगह कर्मचारियों की जुबान पर एक ही सवाल है:
👉 “इस बार वेतन कितना बढ़ेगा?”
महंगाई के दौर में यह सवाल बिल्कुल वाजिब है। लगभग 50.14 लाख केंद्रीय कर्मचारी और करीब 69 लाख पेंशनभोगी उत्सुकता से सरकार के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता में बना आयोग इस समय पूरे गंभीरता से अपने कार्य में जुटा हुआ है।
चूंकि यह एक बड़े स्तर का अध्ययन और विश्लेषण करने वाली प्रक्रिया है, इसलिए इसमें समय लगना स्वाभाविक है।
आयोग क्या देखता है? सिर्फ सैलरी नहीं—पूरी संरचना
8वें वेतन आयोग को केवल वेतन बढ़ोतरी तय करने की जिम्मेदारी नहीं दी गई है। आयोग निम्नलिखित पहलुओं पर भी नजर रखता है:
- मूल वेतन संरचना (Basic Pay Structure)
- भत्तों (Allowances) की समीक्षा
- पेंशन और रिटायरमेंट लाभ
- विभिन्न सेवाओं की शर्तें
- आर्थिक प्रणाली पर बढ़े वेतन का प्रभाव
सरकार ने आयोग को रिपोर्ट तैयार करने के लिए 18 महीने की समयसीमा दी है।
फिटमेंट फैक्टर—सैलरी बढ़ोतरी का असली गेम चेंजर
8वें वेतन आयोग में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा आधार होगा फिटमेंट फैक्टर।
यह वही मल्टीप्लायर है जिससे पुराने बेसिक पे को गुणा कर नया वेतन तय किया जाता है।
अभी तक रिपोर्टों में बताया गया है कि नया फिटमेंट फैक्टर 1.86 से 2.57 के बीच हो सकता है।
सरल भाषा में समझें:
- फैक्टर कम रहा → सैलरी में सामान्य बढ़ोतरी
- फैक्टर 2.57 के करीब रहा → वेतन में बेहतरीन उछाल
अंतिम निर्णय कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही तय होगा।
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सबसे बड़ा सवाल यही है—अच्छे दिन कब आएंगे?
- 8वें वेतन आयोग के Terms of Reference (ToR)
28 अक्टूबर 2025 को जारी हुए थे। - रिपोर्ट जमा करने के लिए आयोग को 18 महीने दिए गए हैं।
इस हिसाब से आयोग अपनी रिपोर्ट:
📌 अप्रैल 2027 तक सौंप देगा।
लेकिन रिपोर्ट सौंपने के बाद भी प्रक्रिया खत्म नहीं होती।
सरकार निम्नलिखित चरणों से गुजरती है:
- रिपोर्ट का विस्तृत अध्ययन
- जरूरी संशोधन
- कैबिनेट की मंजूरी
यह प्रक्रिया आमतौर पर 6 महीने लेती है।
इसलिए व्यावहारिक दृष्टि से देखा जाए, तो नई सैलरी संरचना:
📌 2027 के अंत या 2028 की शुरुआत में लागू हो सकती है।
सरकार का आधिकारिक रुख—कब मिलेगा फायदा?
8 दिसंबर 2025 को लोकसभा में सरकार ने साफ किया कि:
- 8वें वेतन आयोग की लागू होने की तारीख अभी निर्धारित नहीं है
- आयोग का गठन हो चुका है
- सरकार उसके सुझाव लागू करने के लिए आवश्यक फंड उपलब्ध कराएगी
- 1 जनवरी 2026 से लागू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है
इससे स्पष्ट है कि लागू होने की प्रक्रिया निर्धारित समयसीमा (2027–28) के अनुसार ही चलेगी।
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Ambit Capital की रिपोर्ट के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.46 के बीच रह सकता है।
यदि ऐसा होता है तो न्यूनतम वेतन (Minimum Basic Salary):
- 18,000 रुपये → 32,940 रुपये (1.83 फैक्टर पर)
- 18,000 रुपये → 44,280 रुपये (2.46 फैक्टर पर)
यानी न्यूनतम सैलरी लगभग दोगुनी तक जा सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार, कर्मचारियों की कुल सैलरी (Basic + DA) में:
- कम से कम 14% बढ़ोतरी तय
- अधिकतम 54% तक बढ़ोतरी संभव
हालांकि 54% बढ़ोतरी का अनुमान थोड़ा ज्यादा आशावादी माना जा रहा है, क्योंकि इससे सरकार पर भारी वित्तीय दबाव पड़ेगा।
ग्रेड पे के आधार पर कितनी बढ़ेगी सैलरी? उदाहरण सहित समझें
यह अनुमान दो फिटमेंट फैक्टर पर आधारित है—
✨ 1.92 (साधारण बढ़ोतरी)
✨ 2.57 (बंपर बढ़ोतरी)
HRA = बेसिक का 24%
NPS = बेसिक का 10%
1) ग्रेड पे 1900
- फैक्टर 1.92 पर:
- बेसिक: ₹54,528
- HRA: ₹13,086
- TA: ₹3,600
- इन-हैंड सैलरी: ₹65,512
- फैक्टर 2.57 पर:
- बेसिक: ₹72,988
- इन-हैंड सैलरी: ₹86,556
2) ग्रेड पे 2400
- 1.92 फैक्टर: इन-हैंड ≈ ₹86,743
- 2.57 फैक्टर: इन-हैंड ≈ ₹1,14,975
3) ग्रेड पे 4600
- 1.92 फैक्टर: इन-हैंड ≈ ₹1,31,213
- 2.57 फैक्टर: इन-हैंड ≈ ₹1,74,636
