भारत का ऐसा राज्य जहाँ इनकम टैक्स का कोई नामोनिशान नहीं! करोड़ों की कमाई पर भी टैक्स फ्री लाइफ, जानिए सरकार का ये अनोखा नियम जो देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
सपने में भी ऐसा लगता है कि करोड़ों रुपये कमाओ और सरकार एक फूटी कौड़ी न ले। लेकिन भारत के नक्शे पर एक ऐसा कोना है, जहाँ यह हकीकत है। पूर्वोत्तर का यह छोटा सा राज्य अपने निवासियों को इनकम टैक्स से पूरी तरह मुक्त रखता है। चाहे आपका सालाना टर्नओवर करोड़ों में हो या लाखों में, टैक्स भरने की चिंता शून्य। आइए जानें इस अनोखी व्यवस्था की पूरी कहानी।
कैसे बनी यह टैक्स-फ्री दुनिया?
यह राज्य कभी एक स्वतंत्र रियासत था, जहाँ अपना अलग शासन चला। 1970 के दशक में जब यह पूरे देश का हिस्सा बना, तो केंद्र ने पुरानी परंपराओं को सम्मान दिया। राज्य के पुराने राजस्व नियमों को जस का तस रखा गया, ताकि स्थानीय जीवनशैली पर कोई असर न पड़े। इसी के तहत इनकम टैक्स का बोझ हटा दिया गया। यह विशेष दर्जा संवैधानिक प्रावधानों से जुड़ा है, जो राज्य को बाकी देश से थोड़ा अलग रखता है। नतीजा? निवासी बेफिक्र होकर कमाई बढ़ाते रहें।
सिर्फ असली बाशिंदों को मिलता है लाभ
यह सौगात हर किसी के लिए नहीं। लाभ सिर्फ उन लोगों को, जो राज्य के पुराने प्रमाणपत्र के मालिक हों या उनके सीधे उत्तराधिकारी। 1975 से पहले जारी किए गए इन प्रमाणपत्रों वाले परिवार ही योग्य। राज्य में नौकरी, व्यापार, निवेश या किसी भी स्रोत से होने वाली आय पर जीरो टैक्स। लेकिन बाहर से आए लोग या नए बसे हुए इस छूट से वंचित रहते। सैलरी हो, बिजनेस गेन हो या स्टॉक मार्केट से प्रॉफिट, सब टैक्स-फ्री। यह नियम सख्ती से लागू होता है, ताकि व्यवस्था का दुरुपयोग न हो।
रोजगार और कमाई के नए रास्ते खुल गए
टैक्स न होने से राज्य में उद्यमिता का बोलबाला है। युवा बिना टैक्स की मार झेलें बिजनेस शुरू करते हैं। पर्यटन उद्योग फल-फूल रहा, क्योंकि हिल स्टेशन और नेचर एडवेंचर के दीवाने यहाँ आते रहते। कृषि उत्पाद जैसे ऑर्गेनिक चाय और फल भी अच्छा बाजार पाते। ऊर्जा क्षेत्र में हाइड्रो प्रोजेक्ट्स से लाखों कमाई हो रही, बिना टैक्स कटौती। निवासी अपनी पूरी कमाई बचत या निवेश में लगा पाते, जिससे आर्थिक विकास तेज।
क्या सिर्फ इनकम टैक्स ही माफ?
गलतफहमी न पालें। राज्य में जीएसटी, प्रॉपर्टी टैक्स और दूसरे लोकल टैक्स तो चलते ही हैं। लेकिन पर्सनल इनकम पर कोई कटौती नहीं। यह व्यवस्था राज्य की संस्कृति, पहाड़ी जीवन और सीमित संसाधनों को ध्यान में रखकर बनी। केंद्र सरकार स्पेशल फंडिंग से मदद करती, लेकिन निवासियों को टैक्स राहत से स्थिरता मिली। पर्यावरण संरक्षण और लोकल इकोनॉमी को बढ़ावा देने में यह बड़ा रोल निभा रही।
क्या आप भी ले सकते हैं फायदा?
अगर आपके पूर्वज यहाँ के मूल निवासी हैं, तो चेक करें पुराने दस्तावेज। नए निवासियों के लिए यह संभव नहीं, लेकिन राज्य घूमना और अवसर तलाशना फायदेमंद। टैक्स बचत के सपने देखने वाले बाकी देशवासियों के लिए यह प्रेरणा। क्या पता भविष्य में और राज्य ऐसे प्रयोग करें। कुल मिलाकर, यह राज्य साबित करता है कि स्मार्ट पॉलिसी से खुशहाली बढ़ सकती है।
