फ्लाइट में आपने कई बार सफर किया होगा। साथ ही फ्लाइट में भी खाना खा भी खाया भी होगा। कई लोगों का मानना है की फ्लाइट में मिलने वाला खाना अच्छा नहीं होता ना हीं हेल्दी होता है और न हीं टेस्टी। क्या आपने सोचा कि आपकी मदद अपनी आपको अपनी मंजिल तक पहुंचाने वाले फ्लाइट पायलट फ्लाइट में खुद क्या खाते होंगे। उन्हें कैसा खाना दिया जाता है तो बता दे कि पायलट के लिए भी खाने पीने को लेकर कई नियम है जिसके बारे में पायलट ने खुद बताया।
पायलट और को पायलट के खाने पीने का खास ख्याल रह जाता है
पायलट और को पायलट के खाने पीने का खास ख्याल रह जाता है। इसमें पायलट और को पायलट को कभी एक जैसा खाए नहीं मिलता है । यहां जाने की आखिर क्यों होता है पायलट के साथ ऐसा।
पायलट और को पायलट को एक जैसा खाना न देने की असली वजह यात्रियों की सुरक्षा से जुड़ी है। दरअसल अगर दोनों पायलट एक ही जैसा खाना खाने खाते है तो उन्हें एक साथ फुट पॉइजनिंग हो सकती है। ऐसा हुआ तो विमान को हैंडल करना मुश्किल हो जाएगा और अलग-अलग खाना खाएंगे तो food पॉइजनिंग के चांसेस कम होंगे। बता दें कि पायलट को अलग-अलग तरह की भोजन देने का नियम कमर्शियल एविएशन की शुरुआती दौर से चला रहा है। कई एयरलाइंस आज भी इस नियम को जस का तस लागू करती है।
एयरलाइंस ने यात्राओं की सुरक्षा की भलाई के लिए किया है
पायलट को असली नाम हैरिसन मुर्रे है। उन्होंने बताया कि हमे दो तरह का खाना मिलता है ताकि दोनों को एक जैसी समस्या ना हो। कुछ पायलट तो उड़ान के दौरान ज्यादा खाना नहीं खाते। इससे तबीयत खराब होने का डर रहता है । उड़ान के दौरान विमान कॉकपिट में भी खाने पीने की चीजों को लेकर सख्त नियम बनाए गए हैं। इन नियमों का पालन क्रू मेंबर्स को करना होता है। बता दे कि यह फैसला एयरलाइंस ने यात्राओं की सुरक्षा की भलाई के लिए किया है। बाकी लोग अपना मनपसंद भोजन करने के लिए स्वतंत्र है। लेकिन पायलट कॉकपिट में कुछ भी नहीं खा सकता है।
यूनाइटेड एयरलाइंस की उड़ानों में पुलिस फ्लाइट अटेंडेंट मेकअप नहीं कर सकते
यूनाइटेड एयरलाइंस की उड़ानों में पुलिस फ्लाइट अटेंडेंट मेकअप नहीं कर सकते जबकि एलिगेंट एयरलाइंस की महिला फ्लाइट अटेंडेंट को लिपस्टिक या या ग्लॉस लगाना जरूरी है। वह भी चेहरे की विशेषताओं के हिसाब से होना चाहिए। वही लिप लाइनर का उपयोग संयमित रूप से किया जाना चाहिए। यूनाइटेड एयरलाइंस का एक नियम बहुत अजीब है वह कि अगर यात्री आसपास के यात्री की सीट घेर रहे है या सीट बेल्ट के साथ एक सीट पर ठीक से बैठने में असमर्थ है तो यात्रियों को फ्लाइट से बाहर निकाला जा सकता है।
कुछ एयरलाइन्स में स्टेराइल कॉकपिट नियम का पालन किया जाता है। इसका मतलब है कि टेक ऑफ पर लैंडिंग के दौरान विमान की चढ़ाई पर 10000 फीट से पहले और 10000 फीट की ऊंचाई पर करने के बाद कुछ पायलटो को ऑपरेशनल एक्टिविटीज पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है। उन्हें इस दौरान कुछ भीबोलने की इजाजत नहीं है।