Bhagalpur New Railway Line : अगर आप भागलपुर से हैं तो भागलपुर में एक और नई रेलवे लाइन बिछाने की तैयारी तेज हो चुकी है। गंगा नदी पर विक्रमशिला-कटारिया न्यू डबल लाइन के साथ ब्रिज के निर्माण के लिए कैबिनेट में मंजूरी मिल गया है। इसके साथ ही मंजूरी मिलने के बाद रेलवे की तरफ से काम शुरू भी कर दिया गया है।
Bhagalpur New Railway Line
भागलपुर के लोगों को एक बड़ा सुविधा मिलने वाला है। भागलपुर के पास गंगा पर 265 23 किलोमीटर का लंबा विक्रमशिला -कटारिया न्यू डबल लाइन के साथ ब्रिज के लिए कैबिनेट में मंजूरी मिल चुका है। मंजूरी मिलने के बाद अमलीजामा पहनने की दिशा में रेलवे की तरफ से पहल शुरू कर दिया गया है।
एजेंसी की तरफ से चयन किया गया निविदा जारी किया गया है। विक्रमशिला कटारिया रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी चालू हो रहा है। जल्द ही भू-अर्जन की कार्यवाही भी शुरू की जाएगी।
200 हेक्टेयर से अधिक भूमि अधिग्रहण का काम किया जाएगा
बता दे कि कई मौजों में 200 हेक्टेयर से अधिक भू -अर्जन किया जाएगा। पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ सतीश चंद्र जी की तरफ से बताया गया कि टेंडर जारी हो चुका है। वही बता दे कि पिछले साल अगस्त में इस परियोजना को मंजूरी मिल गया था। लगभग 2549 करोड़ रुपए की लागत से विक्रमशिला कटारिया रेलवे लाइन की तहत भागलपुर में गंगा नदी पर एक और पुल का निर्माण किया जाएगा।
बता दे की भागलपुर का यह पहला और बिहार का पांचवा रेल पुल बनने वाला है। भागलपुर में अब तक विक्रमशिला सेतु और उसके समानांतर निर्माण दिन नया पुल और सुल्तानगंज-अगुवानी पुल विजय घाट पुल सड़क वाला है। 26.23 किलोमीटर लंबा पुल न सिर्फ दो नेशनल हाईवे को जोड़ेगा। बल्कि इसके बनने से कोसी और सीमांचल क्षेत्र का पूर्वी बिहार यानी कि अंग क्षेत्र से भी रेल संपर्क जुड़ जाएगा।
भागलपुर में गंगा नदी पर नया रेल पुल का आकर
बता दे की भागलपुर में जो गंगा नदी पर नए प्रस्तावित रेल पुल बनाया जाएगा, वह वाई आकार का होगा। इसमें फूल के दोनों तरफ से रेल लाइन मिलेगा। उत्तर में कटारिया और नवगछिया तथा दक्षिण दिशा में विक्रमशिला और शिवनारायणपुर स्टेशन की तरफ बटेश्वर स्थान के पास लाइन जुड़ेगा। नई रेलवे लाइन के प्रस्तावित से सीधा कनेक्टिविटी और गतिशील में सुधार होगा।
बता दे की मुख्य पुल की लंबाई लगभग 2.5 किलोमीटर तक होगी। वही यह पुल उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच कनेक्टिविटी और सुदृढ़ करेगा। यह पुल बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा। इसके साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों में एक दूसरे जिलों को जोड़ सकेगा।