भारत अपनी परंपराओं और विश्वासों में गहराई से जुड़ा हुआ एक देश है।जहा की रंग – बिरंगी संस्कृति में रिवाजो को पुरे दिल से और विश्वास के साथ निभाया जाता है।इन सदियों पुरानी परंपराओं में महिलाओ द्वारा कांच की चुडिया पहनने का रिवाज खास जगह रखता है।यह शादीशुदा महिलाओ के लिए खास है।इसे लंबे समय से सुखी शादीशुदा जिंदगी और अच्छे पत्ती का प्रतीक मानते है।लेकिन एक सावल है की क्या इस परम्परा के पीछे कोई वेघनिक आधार है ?? जानते है इसके बारे में
चुडिया पहनने के पीछे वैज्ञानिक कारण
जब महिला शादी करती है तो उसके दोनों हाथो पर चुडिया पहनाई जाती है।ये परंपरा जिघ्यासा जगाती है।इस जिघ्यासा को शांत करने के लिए इस रिवाज के पीछे के कारणों को समझने की कोशिश की गयी है।महिलाओ द्वारा चुडिया पहनने की परंपरा के पीछे वैज्ञानिक कारण भी हो सकते है।एक वेबसाइट के अनुसार जब महिलाए कलाई पर चुडिया पहनती है तो वे आपस से रगड़ खाती है जिससे रक्त संचार अच्छा होता है।कुछ ऐसा मानते है कलाई एक एक्यूप्रेशर बिंदु है जो महिला के शरीर में हार्मोनल संतुलन में योगदान देता है।
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दूर करते हैं निगेटिव एनर्जी
दूर करते है नेगेटिव एनर्जी महिलाए अक्सर कांच की चुडिया पहनना पसंद करती है,ऐसा माना जाता है की ये नेगेटिव एनर्जी को दूर भगति है। देश में कई जगह में ये भी मानते है की चूडियो की खनखनाहट अविवाहित महिलाओ के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह काम करती है,जो उन्हें दुसरो की बुरी नजर से बचाती है।अलग अलग कलर की चूडियो के भी अलग अर्थ होते है।