किसानों की आय को दोगुना करने और उन्हें नई फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार अलग अलग योजनाए चला रही है इस कड़ी में किसानों को औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती के लिए प्रेरित करने के लिए बिहार सरकार भी फसल विविधीकरण योजना की शुरुआत कर रही है इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी बल्कि पर्यावरण को ज्यादा नुकसान भी नहीं होगा। इसके साथ ही बिहार सरकार भी इस योजना के तहत किसानों को भारी सब्सिडी दे रही है। आइए जान लेते है इस योजना के बारे में विस्तार से।
इस योजना के तहत किसानों को मिलेगा सब्सिडी का फायदा
आपको बता दे, बिहार सरकार की इस योजना के तहत किसानों को 50 फीसदी तक सब्सिडी का लाभ मिलने वाला है। इस योजना की शुरुआत 22 जनवरी 2024 से हो चुकी है वही इस योजना क शुरुआत में 9 जिलों में लागु किया गया था जिनमें जमुई, गया, पूर्वी चम्पारण, नवादा, सुपौल, पश्चिम चम्पारण, खगड़िया, सहरसा और वैशाली जैसे जिले शामिल हैं।
इन पौधों की कर पाएंगे खेती
फसल विविधिकरण योजना को कई तरह की औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है। इसके अंतर्गत आप पाम रोजा, लेमन ग्रास, तुलसी, खस, सतावरी की खेती को बढ़ावा देने के लिए ये योजना शुरू की गई।
कितनी मिलेगी सब्सिडी?
बिहार सरकार के कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, फसल विविधीकरण योजना के तहत, विभिन्न प्रकार के औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती के लिए सरकार 50 फीसदी तक की सब्सिडी प्रदान करेगी। इस योजना के अंतर्गत, सब्सिडी राशि को 75,000 रुपये तक भी बढ़ाया जा सकता है।
कैसे करें आवेदन?
फसल विविधीकरण योजना योजना के लाभ प्राप्त करने के लिए किसान हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट की आधिकारिक वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते है। फसल विविधीकरण योजना में लिंक पर किल्क करे। इसके बाद आपके सामने एक फॉर्म खुलेगा। फॉर्म में सभी आवश्यक जानकारी भरें। ऐसा करने के बाद फॉर्म को सबमिट करें और आपका रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा। किसानों को इच्छा हो तो वे संबंधित जिले के उद्यान कार्यालय में जाकर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। वहीं, योजना से जुड़ी अधिक जानकारी आपको कृषि विभाग की वेबसाइट पर मिल जाएगी।