आजकल यात्रियों को फ्लाइट में सफर करना काफी ज्यादा पसंद है कुछ दूरी की यात्रा के लिए भी लोग फ्लाइट में जाना पसंद करते है, आपको एयरलाइंस ने यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई तरह के नियम बनाए है। जिसकी जानकारी के तक ऑफ और लेंडिंग के दौरान केबिन
क्रू द्वारा यात्रियों को दी जाती है इन नियमों का पालन हर यात्री को करना पड़ता है। आपने देखा होगा फ्लाइट उड़ने और लेंडिंग के दौरान विंडों ब्लाइंड यानी खिड़कियाँ खोलने की सलाह दी जाती है इस दौरान लोग बाहर के नजारे का लुफ्त ले सकते है।
इस वजह से लैंडिंग और टेक ऑफ के दौरान खुलवाई जाती है विंडो
अगर कैबिन क्रू फ्लाइट की लैंडिंग या टेकऑफ के दौरान खिड़कियां खुलवाए, तो आपको उसे थैंक्स कहना चाहिए। क्योंकि यह नियम यात्रियों की सुरक्षा के लिए ही बनाया गया है। सुरक्षा के लिहाज से इस समय खिड़कियों के पर्दे भी खुले रहने चाहिए। यह उड़ान के सबसे जरूरी फेज में से एक है। इससे किसी भी आपत्तिजनक स्थिति में इमरजेंसी एग्जिट की संभावना रहती है। खिड़की खुली रहेंगी, तो किसी भी तरह की दुर्घटना से बचा जा सकता है। खिड़कियां खुली रहने पर यात्री भी खुद को किसी भी इमरजेंसी के लिए तैयार कर सकते हैं।
इस वजह से खुली रखनी चाहिए खिड़कियाँ
कई लोगों को फ्लाइट की लेंडिंग और तक ऑफ के दौरान बाहर देखने में डर महसूस होता है ऐसे में लोग खिड़कियों के पर्दे लगा लेते है लेकिन एयरलाइंस की तरफ से लेंडिंग और तक ऑफ के दौरान खिड़कियों के पर्दे खुले रखने की हिदायत दी जाती है इससे केबिन न क्रू लगातार बाहर देख सकते हैं। इसके अलावा अगर विमान में आग या धुआं फैल गया है, तो खुली खिड़कियों की मदद से इस स्थिति के बारे में निकल पाना आसान हो जाता है।