Haryana News : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि राज्य में चलाए जा रहे बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए सभी महिला सरपंचों को उनके गांवों का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना और समाज में बेटियों के महत्व को उजागर करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सरपंचों की नेतृत्व क्षमता और समाज पर उनके प्रभाव का उपयोग करते हुए यह अभियान गांव-गांव तक पहुंचेगा और बेटियों की शिक्षा एवं सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी।
पानीपत से हुई थी शुरुआत
इस पहल का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा पानीपत से शुरू किए गए “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” अभियान में महिला सरपंचों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने में सहायक होगा, बल्कि महिलाओं के सशक्तिकरण को भी नई दिशा प्रदान करेगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राज्य सरकार द्वारा लिंगानुपात में सुधार के लिए उठाए गए प्रयासों की पूरे देश में सराहना की जा रही है। इन प्रयासों के माध्यम से हरियाणा ने सामाजिक बदलाव की दिशा में एक उदाहरण पेश किया है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की बैठक
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने आज यहां महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में विभागीय योजनाओं की प्रगति और उनकी प्रभावशीलता पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री श्रीमती श्रुति चौधरी भी उपस्थित थीं। मुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की सराहना की और निर्देश दिया कि महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए योजनाओं को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान रूप से योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए प्रयास करें।
सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र बनाए जाएंगे
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि अगले पांच वर्षों में राज्य में 10,000 आंगनवाड़ी केंद्रों को सक्षम आंगनवाड़ी केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने जानकारी दी कि 563 आंगनवाड़ी केंद्रों को अपग्रेड करने के लिए भारत सरकार से 563 लाख रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। इसके अलावा, विभाग ने 2,307 आंगनवाड़ी केंद्रों को उन्नत करने का एक अन्य प्रस्ताव भी भारत सरकार को भेजा है। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि इन केंद्रों का विकास बच्चों और महिलाओं के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा।