Haryana News: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में ट्रैफिक जाम एक आम समस्या बन चुकी है। यहां की सड़कों पर रोज़ लाखों वाहन दौड़ते हैं, जिससे घंटों तक लोग जाम में फंसे रहते हैं। खासकर, बल्लभगढ़-सोहना रोड पर ट्रैफिक की स्थिति और भी खराब हो गई है।
बल्लभगढ़-सोहना रोड पर आए दिन जाम
फरीदाबाद के बल्लभगढ़-सोहना रोड पर रोजाना भारी ट्रैफिक देखने को मिलता है। इस सड़क पर कई रेजिडेंशियल कॉलोनियां और इंडस्ट्रियल यूनिट्स हैं, जिससे यहां वाहन चालकों की संख्या तेजी से बढ़ी है। लोग ऑफिस, स्कूल और अन्य जरूरी कामों के लिए इसी मार्ग से यात्रा करते हैं, लेकिन भीषण ट्रैफिक जाम के कारण उनका समय बर्बाद होता है।
10 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड फ्लाईओवर बनेगा समाधान
सरकार ने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए 10 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड फ्लाईओवर के निर्माण का प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेजा है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में सर्वे पूरा होते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। फ्लाईओवर बनने से इस सड़क पर ट्रैफिक की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी।
50,000 वाहनों को मिलेगी राहत
गुरुग्राम पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट (PWD) इस फ्लाईओवर के निर्माण की देखरेख करेगा। यह प्रोजेक्ट हर दिन लगभग 50,000 वाहनों को ट्रैफिक से राहत दिलाने में मदद करेगा। खासकर वे लोग जो ऑफिस, स्कूल, कॉलेज या अन्य जरूरी कार्यों के लिए इसी मार्ग से यात्रा करते हैं, उन्हें इस फ्लाईओवर के बनने से फायदा होगा।
क्यों बढ़ रही है ट्रैफिक की समस्या?
पिछले कुछ सालों में बल्लभगढ़-सोहना रोड पर कई नए रेजिडेंशियल और इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट विकसित हुए हैं। यहां की जनसंख्या बढ़ने के साथ ही सड़क पर वाहनों की संख्या भी कई गुना बढ़ गई है। जहां पहले इस सड़क को पार करने में 5 से 10 मिनट का समय लगता था, अब वहीं आधे घंटे या उससे ज्यादा समय लगने लगा है। खासकर, सुबह और शाम के समय इस मार्ग पर भयंकर ट्रैफिक जाम देखने को मिलता है।
एलिवेटेड फ्लाईओवर की खासियत
एलिवेटेड फ्लाईओवर को मौजूदा 30 मीटर चौड़ी सड़क के ऊपर बनाया जाएगा। इस फ्लाईओवर को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि वाहन बिना रुके तेजी से गुजर सकें। इसके निर्माण में मजबूत खंभों और बीम का उपयोग किया जाएगा, जिससे फ्लाईओवर को मजबूती मिलेगी।
प्रदूषण कम करने में भी मददगार होगा फ्लाईओवर
इस फ्लाईओवर के बनने से न केवल ट्रैफिक की समस्या कम होगी, बल्कि इससे प्रदूषण स्तर में भी गिरावट आएगी। लंबे समय तक ट्रैफिक जाम में फंसे रहने से वाहनों से निकलने वाले धुएं की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे हवा की कवालिटी खराब होती है। लेकिन फ्लाईओवर बनने के बाद ट्रैफिक तेजी से बह सकेगा, जिससे प्रदूषण में भी कमी आएगी।
सर्विस रोड से भी मिलेगा फायदा
फ्लाईओवर को मजबूती देने के लिए दोनों तरफ 19 मीटर चौड़ी सर्विस रोड बनाई जाएंगी। इससे स्थानीय लोगों को भी फायदा होगा और उन्हें छोटे सफर के लिए मुख्य सड़क पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
एलिवेटेड फ्लाईओवर के निर्माण में लग सकता है दो साल का समय
जानकारों के अनुसार, इस 10 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड फ्लाईओवर के निर्माण में करीब दो साल का समय लग सकता है। हालांकि, सरकार और प्रशासन की कोशिश होगी कि इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाए, ताकि जनता को राहत मिल सके।
सरकार की बड़ी योजना का हिस्सा
बल्लभगढ़-सोहना रोड पर बनने वाला यह एलिवेटेड फ्लाईओवर सरकार की बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर योजनाओं का हिस्सा है। सरकार लगातार ट्रैफिक की समस्या को हल करने के लिए नई योजनाएं ला रही है। इससे पहले भी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, द्वारका एक्सप्रेसवे और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाएं लागू की गई हैं, जिनका फायदा लोगों को मिल रहा है।
व्यापार और उद्योग क्षेत्र को भी मिलेगा फायदा
यह फ्लाईओवर केवल आम जनता के लिए ही नहीं, बल्कि व्यापार और उद्योग क्षेत्र के लिए भी फायदेमंद होगा। बल्लभगढ़-सोहना रोड पर कई औद्योगिक इकाइयां स्थित हैं, जहां रोज़ाना बड़ी संख्या में ट्रक और अन्य मालवाहक वाहन चलते हैं। फ्लाईओवर बनने से मालवाहक वाहनों की आवाजाही सुगम होगी, जिससे लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री को भी फायदा होगा।
अन्य ऑप्शनल मार्गों की जरूरत भी जरूरी
हालांकि, बल्लभगढ़-सोहना रोड पर एलिवेटेड फ्लाईओवर बनने से ट्रैफिक समस्या कम होगी, लेकिन भविष्य में और भी ऑप्शनल मार्गों की जरूरत होगी। प्रशासन को अन्य सड़कों का भी विस्तार करना होगा और नए मार्गों की योजना बनानी होगी, ताकि लंबी अवधि के लिए ट्रैफिक समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सके।