haryana orbital rail: बल्लभगढ़ से पलवल तक मेट्रो के विस्तार के लिए चल रहे प्रयासों में डीपीआर पर काम शुरू हो चुका है. इस विस्तार से जुड़ी रिपोर्ट को छह महीने के भीतर तैयार करने की समय सीमा निर्धारित की गई है. प्रस्तावित मेट्रो रूट करीब 25 किमी की दूरी को कवर करेगा और इसे कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे तथा हरियाणा ऑर्बिटल रेल से जोड़ा जाएगा जिससे क्षेत्रीय परिवहन को बढ़ावा मिलेगा.
एक साल पहले की उठी मांग और वर्तमान स्थिति
बल्लभगढ़ से पलवल तक मेट्रो के विस्तार की मांग लगभग एक साल पहले उठी थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक जनसभा में इसकी घोषणा की थी. इस घोषणा के बाद से ही ग्राउंड वर्क और प्लानिंग कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है. एचएमआरटीसी की टीम इस रूट पर तकनीकी पहलुओं का अध्ययन कर रही है, जिसमें लागत, कनेक्टिविटी और संभावित स्टेशनों की संख्या का आकलन शामिल है.
करोड़ों का निवेश और भविष्य की योजनाएँ
केंद्र सरकार ने हरियाणा में इस मेट्रो कनेक्टिविटी परियोजना के लिए अपनी मंजूरी दे दी है, जिस पर हजारों करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है. पलवल मेट्रो को हरियाणा ऑर्बिटल रेल और KMP एक्सप्रेसवे से जोड़ने की योजना बनाई गई है, जिससे यात्री और माल ढुलाई दोनों के लिए सुविधाजनक साधन आसान होंगे.
ऑर्बिटल रेल की विशेषताएं और लाभ
हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर, जो पलवल से सोनीपत के हरसाना कलां तक बनाया जा रहा है, का लक्ष्य है पांच जिलों—पलवल, गुड़गांव, नूंह, झज्जर, और सोनीपत—को जोड़ना. इससे न केवल यात्री सुविधाएं बढ़ेंगी, बल्कि औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा. इस कॉरिडोर से मालगाड़ियों के माध्यम से प्रतिदिन 5 करोड़ टन माल की ढुलाई संभव हो सकेगी, जिससे क्षेत्रीय व्यापार और उद्योग को मजबूती मिलेगी.