Home Loan Tips : घर खरीदने के सपने को पूरा करने के लिए, जीवनभर की कमाई लगानी पड़ती है और अक्सर लोन (home loan kab le) का सहारा भी लेना पड़ता है। होम लोन से घर खरीदना काफी हद तक आसान हो जाता है, क्योंकि इसे आसान किस्तों में चुकाना होता है। इसके लिए हर माह की अपनी इनकम को भी देखना जरूरी है। उसी अनुसार आपको फैसला लेना चाहिए। आइए आज आपको ऐसे एक फॉर्मूले के बारे में बताने वाले हैं, जिससे आपको लोन लेने का निर्णय लेने में आसानी होगी।
(Home Loan EMI) आज के महंगाई के दौर में घर खरीदने का सपना अधिकतर लोग लोन के सहारे ही पूरा करते हैं। होम लोन लेने के बाद उसे चुकाना भी बहुत जरूरी है, नहीं तो कई तरह की परेशानियां खड़ी हो जाती हैं। इसलिए हमेशा होम लोन लेने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का आकलन करना जरूरी होता है।
हर माह की कमाई को देखकर ही यह तय करना ठीक रहता है कि लोन (Home loan repayment) कब और कितना लिया जाए। इस खबर में जानिये हर महीने कितनी कमाई करने वाले के लिए खुद का घर खरीदना सही रहता है। यह जानना और सही फॉर्मूला अपनाना आपके वित्तीय भविष्य के लिए भी बेहतर रहता है।
इएमआई व मासिक आय का करें निर्धारण –
घर खरीदने का निर्णय सैलरी और घर की कीमत पर निर्भर करता है। यह जरूरी है कि मासिक किस्त का भुगतान आपकी आय का एक उचित प्रतिशत हो। आमतौर पर, यह राशि आपकी कुल कमाई का 20 से 25 फीसदी (how to calculate home Loan EMI ) तक होनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर, यदि आपकी आय 1 लाख रुपये प्रति माह है, तो आप लगभग 25 हजार रुपये तक की मासिक किस्त का भुगतान कर सकते हैं, जो वित्तीय रूप से सुरक्षित रहेगा।-
आय से इएमआई का कैलकुलेशन –
अगर आपकी मासिक आय 50 से 70 हजार रुपये के बीच है और आप लोन (home loan rules) लेकर घर खरीदने का सोच रहे हैं, तो यह ध्यान रखना जरूरी है कि किस्त का भुगतान आपकी आय के 20 से 25 प्रतिशत हिस्से के बराबर होना चाहिए। उदाहरण के तौर पर, यदि आपकी किस्त 25 हजार रुपये प्रति माह है, तो यह लंबी अवधि में आपकी वित्तीय स्थिति पर असर डाल सकता है।
लेकिन अगर घर की किस्त 20 हजार रुपये (Home Loan EMI ) से कम हो, तो यह अधिक समझदारी का फैसला होगा। ऐसे में 25 लाख रुपये तक का घर खरीदा जा सकता है, जिसमें 20 साल के लिए 20 हजार रुपये से कम की मासिक किस्त होगी। ऐसे मामलों में घर खरीदना आर्थिक दृष्टि से उचित हो सकता है, बजाय किराए पर रहने के।
1 लाख की आय पर हर माह की इएमआई का गणन –
अगर घर की कीमत 30 लाख रुपये (Loan EMI Calculator) से अधिक है, तो 50 से 70 हजार रुपये की सैलरी वालों के लिए घर खरीदने या होम लोन लेने के बजाय किराये पर रहना ही ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। इस दौरान बचत पर ध्यान देना चाहिए और जब सैलरी बढ़कर 1 लाख रुपये के आसपास हो, तो ज्यादा डाउन पेमेंट (Home loan down payment) करके घर खरीदा जा सकता है।
ज्यादा डाउन पेमेंट करने से मासिक किस्त कम होगी। वित्तीय रूप से यह माना जाता है कि अगर किसी की आय 1 लाख रुपये है, तो वह 30 से 35 लाख रुपये तक का घर खरीद सकता है। वहीं, अगर आय 1.5 लाख रुपये प्रति माह है, तो 50 लाख रुपये तक का घर खरीदने का फैसला सही हो सकता है। कुल मिलाकर, घर की किस्त सैलरी या आय से 25 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
करियर व भविष्य की बढ़ौतरी के हिसाब से लें फैसला –
हर किसी को अपनी व्यक्तिगत जरूरतों और करियर के हिसाब से फैसला करना चाहिए। यह देखना जरूरी है कि आप किस प्रकार के काम में हैं और आपकी जॉब में कितना लचीलापन है। अगर आप जल्दी घर खरीदते हैं, तो एक ही शहर में बंधकर रहने पर मजबूर हो सकते हैं, खासकर जब नौकरी बदलने का मौका मिले। शुरुआती करियर में लोग अक्सर शहर बदलते हैं, लेकिन घर खरीदने (house purchasing tips) पर वे इसे किराये पर देना नहीं चाहते। अगर आपकी नौकरी सेक्योर नहीं है, तो किसी भी परिस्थिति में जल्दबाजी में घर खरीदने से बचना चाहिए।
प्रॉपर्टी का चयन सोच-समझकर करें –
अगर आपने घर खरीदने का मन बना लिया है, तो प्रॉपर्टी (property buying tips) का चयन सोच-समझकर करें। फ्लैट खरीदते समय ऐसी जगह का चुनाव करें जहां किराये की रकम अच्छी मिलती हो। साथ ही, यह सुनिश्चित करें कि फ्लैट की कीमत हर साल 8 से 10 फीसदी (Home Loan Calculator) बढ़े। इससे महंगाई के असर से फ्लैट की कीमत भी बढ़ेगी। जब आप लोन चुकता करें, यानी 20 साल बाद, तो फ्लैट की कीमत पहले की तुलना में कम से कम तिगुनी होनी चाहिए, जिससे आपके निवेश का अच्छा रिटर्न मिले।
आप न करें यह गलती –
कुछ लोग अपनी पहली नौकरी के साथ ही घर (home buying tips) और कार खरीदकर अपनी आय पर दबाव डाल लेते हैं, जो बाद में गलत साबित हो सकता है। इसलिये यह जरूरी है कि अपनी जरूरतों के हिसाब से फैसले लें। अगर आप अपनी कमाई के हिसाब से जल्दी-जल्दी बड़े फैसले लेते हैं, तो वित्तीय मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर आप शुरुआत से ही अपनी बचत करने की आदत डालते हैं, तो 40 साल की उम्र में रिटायरमेंट के लिए आर्थिक रूप से सुरक्षित महसूस करेंगे।