Income Tax Rule 2025 : प्रॉपर्टी का लेन-देन एक बड़ा वित्तीय मामला है, और कई बार लोग कैश में लेनदेन का प्रस्ताव देते हैं. ऐसे में अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने जा रहे हैं, तो लेनदेन के सभी नियम समझ लेना आवश्यक है. दरअसल अब प्रापर्टी बेचते समय इस लिमिट से ज्यादा कैश लेना आपको भारी पड़ सकता है… और आयकर विभाग का नोटिस मिल सकता है-
यदि आप प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने जा रहे हैं, तो लेनदेन के सभी नियम समझ लेना आवश्यक है. प्रॉपर्टी का लेन-देन एक बड़ा वित्तीय मामला है, और कई बार लोग कैश में लेनदेन का प्रस्ताव देते हैं. लेकिन ध्यान रखें, प्रॉपर्टी की पूरी कीमत कैश (full price of property in cash) में देना उचित नहीं है, और इसके लिए भी नियम निर्धारित हैं. कैश लेनदेन की सीमा को पार करने पर आपको आयकर नोटिस का सामना करना पड़ सकता है.
भारत में 19,999 रुपये से अधिक की नकद लेनदेन की अनुमति नहीं है, जिसका उद्देश्य काले धन को नियंत्रित करना है. 2015 में आयकर अधिनियम की धारा 269SS, 269T, 271D और 271E में संशोधन किया गया था. विशेषकर धारा 269SS में बदलाव से जुर्माने का प्रावधान जोड़ा गया, जिससे अवैध नकद लेनदेन पर रोक लग सके. कैश लेनदेन को ट्रैक करना कठिन होता है, जिससे यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि राशि वैध या अवैध है.
धारा 269SS के तहत अगर कोई व्यक्ति जमीन (चाहें वह खेती के लिए ही क्यों न ली जा रही हो), घर व अन्य तरह की अचल संपत्ति बेचने के लिए 20,000 रुपये या उससे अधिक की रकम कैश में लेता है तो उसपर 100 फीसदी का जुर्माना लगेगा. इसे नीचे दिए उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं.
क्या है 100 फीसदी जुर्माने का मतलब-
आयकर अधिनियम (Income tax act) की धारा 269SS के तहत अगर कोई शख्स प्रॉपर्टी (property) बेचते वक्त 20,000 या उससे अधिक की रकम कैश में ले रहा है तो उस पूरी रकम को हर्जाने के रूप में भरना होगा. मतलब आपने चाहें 50,000 रुपये लिए हों या 1 लाख रुपये, वह पूरी रकम पेनल्टी (penalty) के तौर पर आयकर विभाग के पास चली जाएगी.
कहानी यहीं खत्म नहीं होती-
आयकर की एक और धारा 269T जले पर नमक का काम करती है. मान लीजिए कि सौदा किसी कारणवश रद्द हो गया. खरीदार ने प्रॉपर्टी डीलर (property dealer) या विक्रेता से नकद में ही वापस रकम मांगी तो एक बार फिर पेनल्टी लगेगी. अगर 20,000 रुपये या उससे ज्यादा की रकम कैश में लौटाई गई तो 269SS की ही तरह पूरी रकम पेनल्टी (penalty) में चली जाएगी. हालांकि, ये कानून सरकार, सरकारी कंपनी, बैंकिंग कंपनी या केंद्रीय सरकार द्वारा चिह्नित खास व्यक्ति व संस्थान पर लागू नहीं होती.
कैसे करें लेनदेन-
प्रॉपर्टी के सौदे में 19999 रुपये तक कैश लेनदेन किया जा सकता है, और यह रजिस्ट्री (regiestry) में दिखाई देगा. इसके ऊपर की राशि का लेनदेन चेक या इंटरनेट बैंकिंग (Internet banking) द्वारा करना आवश्यक है. रजिस्ट्रार कैश लेनदेन के लिए रजिस्ट्री कैंसल नहीं करते, लेकिन कैश (cash) संबंधित जानकारी आयकर विभाग को भेज दी जाती है. इससे भविष्य में कानूनी मुसीबतें हो सकती हैं, इसलिए सावधानी बरतनी चाहिए.