Kisan News : गेहूं की फसल की बुवाई देश भर में हो चुकी है तो कहीं चल रही है। रबी की खास फसल में से एक मानी जाती है गेहूं की फसल की अधिकतर जगहों पर गेहूं की बुवाई हो चुकी है। गेहूं की पैदावार के लिए गेहूं में यूरिया का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद माना जाता है। अब आपको इस बात का ज्ञान होना जरूरी है कि आपको किस समय पर गेहूं की फसल में यूरिया खाद डालना है। तभी आप सही तरह से यूरिया खाद का सही उपयोग करके तगड़ा उत्पादन प्राप्त कर सकेंगे। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
गेहूं की फसल में यूरिया का इस्तेमाल
गेहूं की बुवाई के समय डीएपी खाद को उसमें मिलाकर बुवाई की जाती है। इसके बाद आपको लगभग गेहूं की बुवाई 15 से 20 दिन बाद पहला और 45 दिन बाद दूसरा पानी गेहूं में देना चाहिए। गेहूं में दूसरा पानी देने के बाद यूरिया का छिड़काव गेहूं में करना चाहिए। इसके बाद दूसरी बार आपको लगभग 80 दिनों में तीसरी बार 90 से 100 दिनों में यूरिया का छिड़काव करना चाहिए। इससे फसल को अच्छा उत्पादन मिलता है साथ ही फसल के लिए यूरिया खाद बहुत फायदेमंद साबित होता है।
गेहूं में यूरिया का महत्व
गेहूं की फसल में यूरिया खाद का बहुत खास महत्व है। गेहूं की फसल में नाइट्रोजन की कमी को पूरा करने के लिए यूरिया खाद का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में गेहूं की फसल में कई तरह के पोषक तत्वों की पूर्ति करने के लिए यूरिया का छिड़काव करना बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। इतना ही नहीं यूरिया का इस्तेमाल करके किसान गेहूं की फसल से अच्छा उत्पादन भी प्राप्त कर सकते हैं।
यूरिया इस्तेमाल करने के फायदे
गेहूं की फसल में यूरिया इस्तेमाल करने के कई सारे फायदे देखने को मिलते हैं। सबसे पहले तो यूरिया का इस्तेमाल कई तरह के पोषक तत्वों की पूर्ति करता है। गेहूं की फसल में ग्रोथ बढ़ती है साथ ही उत्पादन भी बढ़ता नजर आता है। यूरिया कई तरह से गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद साबित होता है।