Kisan News : यूरिया खाद की खरीदी में पिछले 4 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा किसानों ने। रबी की फसल की अब तक लगभग 97% बुवाई पूरी हो चुकी है। अब ऐसे में किसानों को खाद की जरूरत पड़ती है। आपको बता दे की किसानों ने इस बार जमकर खाद की खरीदी की है। इतना ही नहीं इस बार किसानों ने खाद की खरीदी में पिछले 4 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। अब ऐसे में मुख्यमंत्री ने जैविक और प्राकृतिक खाद के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को प्रोत्साहित करने की व्यवस्था की जाए। ताकि किसान जैविक खादों का इस्तेमाल करें।
एमपी के सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने प्रदेश में उर्वरक प्रबंधन की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को आदेश दिए की फसलों में उपयोग किए जाने वाले खादों को समय रहते उपलब्धता सुनिश्चित हो जाए। इतना ही नहीं उनका कहना है कि बीते 4 सालों के मुकाबले इस बार सर्वाधिक उर्वरकों की उपलब्धता रही है। जिसके चलते किसानों को जैविक और प्राकृतिक खाद के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
जैविक खाद का उपयोग
सीएम डॉक्टर मोहन यादव का कहना है कि यूरिया डीएपी जैसे रासायनिक खादों का समय रहते उपलब्धता पक्की करते हुए गोवंश के आधार पर जैविक खाद के इस्तेमाल को प्रदेश भर में प्रोत्साहित किया जाए। जिससे कि किसान जैविक खाद का इस्तेमाल करें और इससे मिट्टी की गुणवत्ता बढ़े और धरती की सेहत ठीक रहे।
प्राकृतिक खाद का इस्तेमाल
प्राकृतिक खाद का इस्तेमाल करने की मात्रा का कैलकुलेशन और डॉक्यूमेंटेशन को लेकर जरूर किसानों को समझाया जाए। पूरे प्रदेश भर में जैविक खाद के उपयोग को बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए एक मॉडल तैयार किया जाना चाहिए। किसान रासायनिक खादो का इस्तेमाल न कर सके इसीलिए प्राकृतिक और जैविक खाद उनको उपलब्ध करवाए जाए।
रबी फसलों की बुवाई
राज्य सरकार से मिली खबर के मुताबिक एमपी में लगभग 97% रबी की फसलों की बुवाई हो चुकी है। ऐसे में सीएम का कहना है कि किसानों को फसल चक्र के मुताबिक उर्वरक उपलब्ध करवाने चाहिए और उर्वरक वितरण के प्रमुख केंद्रों पर पहले स्टॉक सुनिश्चित किया जाना चाहिए। जिसके लिए कार्य योजना विकसित करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
उर्वरकों की बिक्री ने तोड़े पिछले 4 सालों के रिकॉर्ड
इस बार उर्वरकों की बिक्री में यूरिया एनपीके, एसएसपी और एमओपी खाद की उपलब्धता बीते 4 सालों में सबसे ज्यादा रही है। फिलहाल अब तक 35 लाख 68000 मीट्रिक टन में से लगभग 32 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा यूरिया खाद की बिक्री हो चुकी है। इतना ही नहीं इसी प्रकार 929000 मीट्रिक टन एनपीके साथ ही 10 लाख 58000 मीट्रिक टन एसएसपी, 91000 मीट्रिक टन मीट्रिक खाद की बिक्री की जा चुकी है वही 10 लाख 82 मीट्रिक टन डीएपी और 20 लाख 11000 मीट्रिक टन डीएपी+एनपीके की बिक्री की जा चुकी है।