MadhyaPradesh New Railway Line: भोपाल-इटारसी के बाद अब इटारसी-आमला रेल खंड में तीसरी रेल लाइन बिछाने का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत लगभग 130 किलोमीटर लंबे ट्रैक को तैयार किया जा रहा है। फिलहाल मिट्टी का बेस बनाने का कार्य चल रहा है, जिसके पूरा होते ही अन्य संरचनाओं का निर्माण शुरू होगा। यह रेल लाइन क्षेत्र में बढ़ते रेल यातायात को सुगम बनाने और यात्रा की सुविधा को बेहतर करने के उद्देश्य से बनाई जा रही है।
जमीन अधिग्रहण में देरी के कारण निर्माण में हुई देरी
इस प्रोजेक्ट की शुरुआत में देरी की मुख्य वजह नर्मदापुरम और बैतूल जिलों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया रही। बैतूल जिले के 40 गांवों के 290 किसानों की कुल 16.036 हेक्टेयर भूमि इस परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई है। अब जब जमीन अधिग्रहण का कार्य पूरा हो गया है, तो रेलवे ने तेजी से निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। इस नई लाइन के चालू होने के बाद इस मार्ग पर ट्रेनों की गति में सुधार होगा और ट्रेनों की संख्या भी बढ़ाई जा सकेगी।
घाट सेक्शन में रेल संचालन की समस्या होगी दूर
इटारसी-आमला रेल मार्ग पर घाट सेक्शन होने की वजह से ट्रेनों को कई बार धीमा करना पड़ता है, जिससे यात्रा में देरी होती है। तीसरी रेल लाइन के बनने से घाट सेक्शन में रेल संचालन आसान हो जाएगा और मालगाड़ियों को भी बेहतर मार्ग उपलब्ध होगा।
मरामझिरी-धाराखोह घाट सेक्शन में बनेंगी चार सुरंगें
इस रेल प्रोजेक्ट में मरामझिरी-धाराखोह घाट सेक्शन में चार सुरंगों का निर्माण किया जाएगा। इन सुरंगों की कुल लंबाई 1.40 किलोमीटर होगी। साथ ही, इटारसी से नागपुर के बीच 267 किलोमीटर की दूरी में 27 नए रेलवे स्टेशन और 361 पुल-पुलियों का निर्माण किया जाएगा। इन पुलों से रेल मार्ग को ज्यादा सुरक्षित और सुलभ बनाया जाएगा, जिससे ट्रेन संचालन में किसी प्रकार की बाधा न आए।
रेलवे ने अंडरपास और बायपास ट्रैक पर भी किया बड़ा निवेश
रेलवे इस प्रोजेक्ट के तहत न केवल तीसरी लाइन का निर्माण कर रहा है, बल्कि इस मार्ग को और भी सुरक्षित व सुगम बनाने के लिए कई संरचनाओं का निर्माण कर रहा है। रेलवे ने पीपलढाना और मरामझिरी क्षेत्रों में अंडरपास बनाए हैं, जिससे सड़क यातायात को भी राहत मिलेगी।
पवारखेड़ा से जुझारपुर तक अप और डाउन दो बायपास ट्रैक भी बनकर तैयार हो चुके हैं। इन दोनों परियोजनाओं पर रेलवे ने लगभग 600 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। बायपास ट्रैक को मजबूत बनाने के लिए किनारों पर लोहे के तार से पत्थरों को बांधकर सुरक्षा दीवार बनाई जा रही है। पिछले साल बारिश के कारण इस क्षेत्र में मिट्टी धंसने की घटनाएं हुई थीं, जिससे रेलवे को एक्स्ट्रा काम करना पड़ा था।
तीसरी रेल लाइन क्यों है जरूरी?
वर्तमान में इटारसी-नागपुर रेल मार्ग पर केवल दो रेल लाइनें हैं, जिन पर मालगाड़ियों और यात्री गाड़ियों का संचालन किया जाता है। इस वजह से अक्सर मालगाड़ियों को घंटों तक रोकना पड़ता है, ताकि यात्री गाड़ियों को निकाला जा सके। इससे न केवल मालगाड़ियों के संचालन में देरी होती है, बल्कि रेल यातायात भी प्रभावित होता है।
तीसरी रेल लाइन बिछाने से इन समस्याओं का समाधान होगा और मालगाड़ियों को अलग ट्रैक मिलने से यात्री गाड़ियों की समय पर आवाजाही सुनिश्चित की जा सकेगी।
तीसरी रेल लाइन से क्या होंगे फायदे?
इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद यात्रियों और रेलवे दोनों को कई तरह के फायदे होंगे:
- ट्रेन संचालन में सुधार – मालगाड़ियों और यात्री गाड़ियों के लिए अलग-अलग ट्रैक होंगे, जिससे ट्रेनों की आवाजाही सुचारू होगी।
- यात्रा का समय कम होगा – ट्रेनों की स्पीड में बढ़ोतरी होगी, जिससे यात्रा का समय कम होगा।
- रेलवे की आय बढ़ेगी – ज्यादा ट्रेनों का संचालन होने से रेलवे की आमदनी में भी इजाफा होगा।
- सुरक्षा में सुधार – नए पुल, अंडरपास और सुरंगों के निर्माण से रेल यात्रा अधिक सुरक्षित होगी।
- स्थानीय विकास को बढ़ावा – नए रेलवे स्टेशन बनने से आसपास के क्षेत्रों का आर्थिक विकास भी होगा।
रेलवे प्रोजेक्ट पर आएगा 2,525.73 करोड़ रुपए का खर्च
भोपाल से इटारसी तक तीसरी रेल लाइन का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। अब इटारसी से नागपुर के बीच तीसरी लाइन बिछाई जा रही है। इस पूरी परियोजना पर 2,525.73 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। यह रेल लाइन मौजूदा ट्रैक के समानांतर बिछाई जा रही है, जिससे नई संरचना का निर्माण आसान हो सके।