New Horn Rule: सड़कों पर अक्सर ट्रैफिक जाम के दौरान पां-पां, पीं-पीं जैसे तेज हॉर्न की आवाजें सुनाई देती हैं, जो कई बार सिरदर्द और चिढ़ पैदा कर देती हैं. अब इस शोर से राहत मिलने वाली है. केंद्र सरकार एक नया कानून लाने जा रही है. जिसके बाद सड़कों पर गाड़ियों के हॉर्न की आवाज में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा.
मौजूदा हॉर्न से होते हैं गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव
आज के समय में ज्यादातर गाड़ियों में बेहद तेज और तीखे हॉर्न बजाए जाते हैं. खासतौर पर बस और ट्रक जैसे भारी वाहनों में कई बार बॉलीवुड गानों के हॉर्न भी सुनाई देते हैं. इन तेज आवाजों से न केवल सिरदर्द होता है. बल्कि कुछ मामलों में हार्ट पेशेंट्स पर भी बुरा असर पड़ सकता है. इसी कारण सरकार ने इन हॉर्न्स को नियंत्रित करने का फैसला लिया है.
मधुर संगीत वाले हॉर्न का प्रस्ताव
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी दी है कि सरकार अब ऐसे हॉर्न का प्रावधान करने जा रही है. जिनमें भारतीय वाद्ययंत्रों की मधुर धुनें सुनाई देंगी. यह कदम सड़कों पर ध्वनि प्रदूषण को कम करने और लोगों को मानसिक राहत देने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है.
कौन-कौन से वाद्ययंत्रों की धुनें होंगी शामिल
नए प्रस्तावित नियम के तहत गाड़ियों के हॉर्न में तबला, बांसुरी, वायलिन, हारमोनियम और शहनाई जैसे भारतीय वाद्ययंत्रों की ध्वनियों का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे जब वाहन हॉर्न बजाएंगे, तो आसपास के लोगों को कर्कश आवाज के बजाय मधुर संगीत का अनुभव होगा.
जल्द लागू हो सकता है नया कानून
नितिन गडकरी ने संकेत दिए हैं कि सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है और जल्द ही नया कानून लागू किया जा सकता है. इसके बाद सभी नई गाड़ियों में यह बदलाव अनिवार्य किया जाएगा. पुराने वाहनों के लिए भी नियमों में संशोधन कर उन्हें अपडेट करने की संभावना है.