राजस्थान में राजनीतिक दलों की सियासत की चलते भले आमजन का फ्री में बिजली मिल रही है। लेकिन इसके कारण बिजली कंपनियों को करोड़ों रुपए का घाटा जरूर लग रहा है। यह सब सरकार दौरान आम जन और किसानों को दिए गए मुफ्त बिजली योजना के कारण हुआ है। अभी यह मुफ्त बिजली योजना भजनलाल सरकार और बिजली कंपनियों के गले के फांस बनती जा रही है। ऐसे में सवाल उठा रहा है कि आखिर इस करोड़ के घाटे को राज्य सरकार और बिजली कंपनियां कब तक सहन कर पाएगी।
लोकसभा चुनाव के बाद आम लोगों से राहत वापस ले ली जाएगी?
क्या लोकसभा चुनाव के बाद आम लोगों से राहत वापस ले ली जाएगी ? ऐसे में चर्चा है कि लोकसभा चुनाव के बाद आम लोगों को बिजली के बिल का तगड़ा झटका लग सकता है। इस रिपोर्ट के जरिए पूरी कहानी बिजली कंपनियों के घाटे का खेल सरकार के दौरान शुरुआत दौरान सरकार ने खुद को रिपीट करवाने के उद्देश्य लोगों को लुभाने के लिए बिजली की मुफ्त योजना शुरू की।
इसके तहत घरेलू कनेक्शन पर लोगों को 100 यूनिट और कृषि कनेक्शन पर 2000 यूनिट तक बिजली निशुल्क देने की योजना शुरू हुई। हालांकि गहलोत सरकार की इस योजना से आम लोगों को फायदा मिल रहा है लेकिन पहले से घाटे में चल रही सरकारी बिजली कंपनियों को घाटा 1 ,7 ,655 करोड रुपए के ऊपर पहुंच गया है।
क कृषि उपभोक्ताओं को बिजली के बिल में बड़ी राहत मिली
इस आंकड़े का खुलासा खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल की ओर सदन में पूछे गए सवाल के बाद हुआ। इसके जवाब में पता चला कि वर्ष 2022 -23 में बिजली का का घाटा 8824.43 करोड़ रुपए का था। गहलोत सरकार के दौरान शुरू की गई योजना की तैयारी घरेलू कृषि उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली दी गई है। इस कारण 2023 तक 69.88 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं पर 10.09 कृषि उपभोक्ताओं का बिजली का बिल शून्य आया। इसकेआलावा प्रदेश के 1 पॉइंट 20 करोड़ से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को 17.74 का लाख से अधिक कृषि उपभोक्ताओं को बिजली के बिल में बड़ी राहत मिली।
सरकारी बिजली कंपनियों को करोड़ों रुपए का नुकसान भी जरूर हुआ है
हालांकि इस योजना से जनता को भले ही फायदा हुआ लेकिन सरकारी बिजली कंपनियों को करोड़ों रुपए का नुकसान भी जरूर हुआ है। मुफ्त बिजली योजना के कारण भले ही आमजन को बिल से राहत मिली हो। लेकिन मुफ्त बिजली कंपनियों के लिए घाटे का सौदा बन गई।
अब इस घाटे को कम करने के लिए बिजली कंपनी सतना से जनता से बिजली के बिल में सर चार्ज और फ्यूल चार्ज के जरिए राशि वसूल रही है। बिजली कंपनियों की ओर अतिरिक्त चार्ज वसूला जाता है। वह उपभोक्ता की मूल बिल से भी अधिक होता है । ऐसे में बिजली कंपनी अपने घाटे की भरपाई लोगों के से बिल पर सरचार्ज और फ्यूल चार्ज लगाकर कर रही है।