राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ समय से लगातार मम्प्स के मामले सामने आ रहे हैं। पिछले कुछ हफ्तों से यहां यह वायरल का संक्रमण तेजी से लोगों को खासकर बच्चों को अपना शिकार बन रहा है। दिल्ली से पहले मार्च में केरल में भी मम्प्स के मामले में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली थी।मम्प्स एक वायरल बीमारी है जो शरीर की किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है। लेकिन यह आमतौर परसलाइवा यानी लार बनाने वाली ग्रंथियां को टारगेट करती है जिन्हें पेरोटिड ग्रंथि कहा जाता है।
यह संक्रमण आमतौर पर बच्चों को निशाना बनाते हैं। ऐसे में जरूरी है की इससे अपने बच्चों का बचाव किया जाए इससे जरूरी है कि समय रहते इसकी पहचान की जाए। ऐसे में आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएं कि मम्प्स के कुछ लक्षणों के बारे में।
इन लक्षणों से करें मम्प्स की पहचान
मम्प्स से बचाव और इसके इलाज के लिए सही समय पर इसकी पहचान करना जरूरी है। आप इसकी पहचान कुछ लक्षणों से कर सकते हैं। मम्प्स के ये लक्षण आमतौर पर संक्रमित होने के 2 हफ्ते दिखाई देते हैं इसे कुछ आम लक्षणों में शामिल है।
बुखार
सिर दर्द
कमजोरी
कान में दर्द
सिर में दर्द
भूख में कमी
चेहरे के एक तरफ या दोनों तरफ सूजन
चेहरे के आसपास चेहरे ,जबड़े और कान के पास दर्द।
मम्प्स के बचाव के तरीके
टीका लगवाए
मम्प्स से बचाव के लिए एमएमआर टीका जो खसरा ,मम्प्स और रूबेला बचाता है। वह अपने बच्चों को जरूर लगाए। इस वैक्सीन की बच्चों को 2 खुराक दी जाती है।
हाथ की सफाई का ध्यान रखे
किसी भी वायरल संक्रमण को पहले से रोकने के लिए हाथों की सफाई का खास ध्यान रखना जरूरी है। इसके लिए नियमित रूप से साबुन और पानी के हाथ होने की आदत बनाए और इसे फैलने से रोके।
अपना चेहरा ढके
यह वायरल इंफेक्शन खांसते या छींकते समय निकलने वाले ड्रॉपलेट से फैल सकता है। इसलिए इसे फैलने से रोकने के लिए खांसते या छींकते समय अपने नाक और मुंह को ढक ले।