हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक, हर साल चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस दिन भक्त भगवान् विष्णु की पूजा करते है और इस दिन उपवास रखते है जिससे भक्तों के सभी पाप दूर होते है इस दिन कुछ विशेष कामों के करने की मनाही है। ऐसे में आज हम आपको उन कामों के बारे में बता रहे है जिन्हें आपको इस दिन भूलकर भी करना चाहिए।
पापमोचनी एकादशी के दिन भूलकर भी नहीं करे ये काम
एकादशी के दिन प्रात: दातुन न करें, नीबू, जामुन या आम के पत्ते चबाकर अंगुली से कंठ साफ करने की मान्यता है, यदि यह संभव न हो, तो पानी से बार-बार कुल्ले करना चाहिए।
पापमोचनी एकादशी या श्रीहरि से जुड़े किसी भी व्रत पर आपको काले रंग के कपड़े भूलकर भी नहीं पीना चाहिए। काला रंग नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होता है। ऐसे में एकादशी व्रत में ये गलती न करें।
हिन्दू व्रतों के मुताबिक, एकादशी के दिन चावल, चने की शाक, प्याज, लहसुन, मांस-मदिका का सेवन भूल से भी नहीं करना चाहिए। इस नियम की अनदेखी करते ही व्रत टूट जाता है, साथ ही ऐसा करने वाला व्यक्ति पाप का भागी बनता है।
पापमोचनी एकादशी के दिन बाल, नाखून कटाना कतई मना है। इससे दरिद्रता पैर पसारती है और दुर्भाग्य पीछा नहीं छोड़ता है.
भगवान विष्णु के व्रत में तुलसी बहुत महत्वपूर्ण है। पापमोचनी एकादशी पर श्रीहरि को भोग में तुलसी डालकर अर्पित करें। इसके बिना वह भोग स्वीकार नहीं किया जाता है। लेकिन भूलवश भी एकादशी पर तुलसी पत्र न तोड़ें, क्योंकि इससे लक्ष्मी जी नाराज हो जाती है और धन हानि हो सकती है।
पापमोचनी एकादशी पर व्रत करने वालों के समस्त पाप धूल जाते है और पिशाच योनि से मुक्ति मिलती है। पितरों का आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। इस दिन दान पुण्य अवश्य करें।