प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य देश के पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को सशक्त बनाना और उनके व्यवसाय को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करना है।
भारत सरकार ने देश के कारीगरों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना शुरू की है. इस योजना के तहत सरकार उन सभी कारीगरों को मदद करेगी जो अपने हाथों से खूबसूरत चीज़ें बनाते हैं, जैसे कि बर्तन, कपड़े या गहने। सरकार इन कारीगरों को पैसे देगी, ताकि वे अपने काम के लिए जरूरी चीज़ें खरीद सकें। साथ ही, सरकार उन्हें नई तकनीक भी सिखाएगी, जिससे वे अपने काम को और बेहतर बना सकें। इस योजना से कारीगरों को अपनी बनाई हुई चीज़ें बेचने के लिए भी अच्छी जगहें मिलेंगी। कुल मिलाकर इस योजना का मकसद है कि हमारे देश के पारंपरिक शिल्प और कला को बचाया जा सके और कारीगरों को एक अच्छा जीवन मिल सके।
PM Vishwakarma Yojana क्या है ?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य देश के पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को सशक्त बनाना और उनके व्यवसाय को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत सरकार कारीगरों को प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता, बाजार तक पहुंच और अन्य लाभ प्रदान करती है।
योजना के अंतर्गत शामिल श्रेणियां
पीएम विश्वकर्मा योजना में कुल 18 श्रेणियों के पारंपरिक कारीगरों को शामिल किया गया है। इनमें बढ़ई, लोहार, दर्जी, धोबी, नाव बनाने वाले, मछुआरे, सोने-चांदी के आभूषण बनाने वाले कारीगर, कुम्हार, नाई, और चटाई बुनने वाले प्रमुख हैं।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लाभ
- योजना के तहत कारीगरों को उनके क्षेत्र में कौशल उन्नयन के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रशिक्षण के दो स्तर होते हैं – 5 से 7 दिन का बेसिक प्रशिक्षण और 15 दिन या उससे अधिक का एडवांस प्रशिक्षण। यह ट्रेनिंग उन्हें न केवल उनके पारंपरिक कौशल में सुधार करने में मदद करता है, बल्कि उन्हें आधुनिक तकनीकों से भी परिचित कराता है। इस दौरान उन्हें प्रतिदिन ₹500 की आर्थिक सहायता भी दी जाती है.
- ट्रेनिंग के बाद, कारीगरों को ₹15,000 तक का औजार प्रोत्साहन मिलता है, जिससे वे आवश्यक उपकरण खरीद सकते हैं। यह औजार उन्हें उनकी उत्पादकता और उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद करेगा।
- कारीगरों के व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने योजना के अंतर्गत ₹3 लाख तक का लोन भी उपलब्ध कराया है। यह लोन दो हिस्सों में दिया जाता है – पहला ₹1 लाख का और दूसरा ₹2 लाख का। लोन पर ब्याज दर केवल 5% है, जो कि व्यावसायिक लोन की तुलना में काफी कम है।
- सरकार योजना के अंतर्गत कारीगरों को उनके उत्पादों की मार्केटिंग और ब्रांडिंग में सहायता प्रदान करती है। इसके तहत उनके उत्पादों की गुणवत्ता प्रमाणन, ब्रांडिंग, ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों जैसे GeM पर ऑनबोर्डिंग, विज्ञापन और प्रचार की व्यवस्था की जाती है। इससे कारीगरों को उनके उत्पादों के लिए एक बड़ा बाजार मिलने में मदद मिलेगी, जिससे उनकी आय बढ़ेगी.
योजना के लिए पात्रता
- योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक की उम्र 18 से 40 साल के बीच होनी चाहिए।
- आवेदक का परिवार आयकर दाता नहीं होना चाहिए, यानी परिवार की कुल आय एक निश्चित सीमा से कम होनी चाहिए।
- इस योजना के तहत
- महिला और पुरुष दोनों आवेदन कर सकते हैं।
- आवेदक का या उसके परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए.
- जो लोग पारंपरिक शिल्प और कारीगरी से जुड़े हुए हैं, वे इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेज
आवेदन करते समय आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पते का प्रमाण
- जन्म प्रमाण पत्र
- शैक्षणिक योग्यता का प्रमाण
- बैंक खाता विवरण
- शिल्प या कारीगरी से जुड़े दस्तावेज
PM Vishwakarma Yojana के लिए आवेदन कैसे करें ?
- सबसे पहले आपको पीएम विश्वकर्मा योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। (https://pmvishwakarma.gov.in/ )
- वेबसाइट पर जाने के बाद आपको सबसे पहले रजिस्ट्रेशन करना होगा.
- रजिस्ट्रेशन करने के बाद पोर्टल पर Login कर लें, जिसके बाद आपके सामने आवेदन फार्म खुल जाएगा.
- इस फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी को सही से भर लीजिए.
- आवेदन फॉर्म भरने के बाद आपको कुछ आवश्यक दस्तावेजों को स्कैन करके अपलोड करना होगा।
- सारी जानकारी भरने और दस्तावेज अपलोड करने के बाद आप अपना आवेदन सबमिट कर दें।