Property Knowledge : वर्तमान समय में भारत देश के कई इलाकों में प्रॉपर्टी की कीमतें दिन प्रतिदिन महंगा होते जा रहा है। वहीं प्रॉपर्टी की कीमतें महंगा होने के बाद भी वर्तमान समय में लोग इसकी खरीद और बिक्री पर बेहद ज्यादा जोर दे रहे हैं। बता देंगे की संपत्ति खरीदने के लिए लोग अपनी मेहनत की कमाई, जमा पूंजी सब कुछ दाव पर लगा देते हैं। लेकिन अक्सर संपत्ति खरीदने के दौरान कई बार विक्रेता की ओर से खरीदार के लिए समस्या का कर दिए जाते हैं। वहीं प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री का नाम तो आप सभी लोगों ने सुना ही होगा। जो जमीन की खरीद और बिक्री की समय करवाने होते है।
बता दे की संपत्ति का पूरा सौदा होने के बाद भी अक्सर ऐसा वर्तमान समय में देखने को मिलता है कि बेचने वाला व्यक्ति रजिस्ट्री करवाने में आनाकानी कहते हैं या फिर टाल मटोल करते हैं। वहीं इसी समस्या से निपटने के लिए कानूनी प्रावधान है। ऐसे में आज के इस लेख में हम आप सभी लोगों को बताने जा रहे हैं कि अगर पूरा सौदा होने के बाद भी संपत्ति बेचने वाला उसकी रजिस्ट्री करने में आनाकानी या फिर टालमटोल करते हैं तो इस समस्या से निपटने के लिए कानूनी प्रावधान क्या है।
Property Knowledge : सिविल और आपराधिक मुकदमों का है प्रावधान
आप सभी को बता दें की संपत्ति बेचने वाले व्यक्ति का दायित्व होता है कि खरीदार से पूरे पैसे लेने के बाद उसे संपत्ति पर लिखित मालिकाना है दे दें। यानी कि संपत्ति की रजिस्ट्री करा दें लेकिन संपत्ति बेचने वाले पैसे लेकर भी अगर संपत्ति की रजिस्ट्री में आनाकानी या फिर टालमटोल कर रहे हैं या प्रॉपर्टी खरीदने वाले से झूठे वादे कर रहे हैं तो यह कानूनन अपराध की श्रेणी में आते हैं।
वहीं ऐसे मामलों का निपटारा सिविल और आपराधिक दोनों तरह के मुकदमों के जरिए किए जाते हैं। वही इस तरह के मामलों से निपटने के लिए भारतीय दंड संहिता 1860 में बाकायदा व्यवस्था किए गए हैं। वहीं इसके लिए आईपीसी धारा 406 और 420 के जरिए दंड दिए जा सकते हैं।
Property Knowledge : छल करके या गलत तरीके से हड़प लिया जाए संपत्ति तो
बता देंगे वर्तमान समय में आईपीसी धारा 406 के तहत अगर किसी के धन या संपत्ति को गलत तरीके से या छल करके हड़प लिए हैं या उसका गबन कर लिए हैं तो यह एक अपराध है। वहीं इसके तहत दोषी व्यक्ति को 3 साल की सजा मिल सकते हैं।
आईपीसी की धारा 420 में क्या है प्रावधान, जानिए नीचे की लेख में
आपको बता दें कि अक्सर झूठ, फर्जीवाड़ा, छल-कपट या ऐसे ही अन्य तरीकों से जब किसी की संपत्ति या धन को हड़प लिए जाते हैं तो इसी धारा के तहत दंड दिए जाते हैं। वही संपत्ति के मालिक द्वारा पैसे लेकर रजिस्ट्री न करने पर पीड़ित व्यक्ति इस धारा के तहत मामला दर्ज कर सकते हैं। वही इस आधार के तहत दर्ज मामले के बाद भी व्यक्ति को कड़ी सजा का प्रावधान है।
पेशेवार की सलाह आएगी काम
हालांकि पैसे देने के बाद भी रजिस्ट्री न करने के मामले में यह बेहतर होगा कि किसी पेशवर की वकील की सलाह लिए जाएं। वही इसे कानूनी उलझन से निपटने में सहायता मिलेंगे और आपका पक्ष सबूत होंगे।